विशेषज्ञों के कुछ सुझाव

दलाल प्रस्तुत

दलाल प्रस्तुत

रायपुर : थाना तेलीबांधा क्षेत्र में अनैतिक देह व्यापार पर कार्यवाही

रायपुर ,19 नवंबर | को मुखबीर से सूचना प्राप्त हुई कि एक ब्रोकर द्वारा देह व्यापार हेतु प्रदेश के बाहर से 3 लड़कियाँ बुलाकर अग्रसेन धाम मोड़ स्थित वी डब्ल्यू कैन्यान होटल में दलाल प्रस्तुत रुकाया गया है। जिस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर/अपराध अभिषेक माहेश्वरी, उप पुलिस अधीक्षक आई.यू.दलाल प्रस्तुत सी.ए.डब्ल्यू. सुश्री ललिता मैहर एवं थाना प्रभारी तेलीबांधा को सूचना की तस्दीक कर आवश्यक कार्यवाही करने निर्देशित किया गया।जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन व उप पुलिस अधीक्षक आई.यू.सी.ए.डब्ल्यू के नेतृत्व में थाना तेलीबांधा पुलिस टीम द्वारा सूचना की तस्दीक कर सूचना सही पाये जाने पर वी डब्ल्यू कैन्यान होटल में जाकर चेक किया गया। चेकिंग कार्यवाही के दौरान 03 अलग-अलग कमरों में 03 महिलायें जिनमें से 01 महिला उज्बेकिस्तान (रशियन) तथा 02 महिला पंजाब की निवासी उपस्थित मिलेl महिलाओं से पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि एक दलाल द्वारा उन्हें होटल में बुलाकर देह व्यापार कराया जा रहा था l

जिस पर आरोपी दलाल टिकरापारा निवासी धरम उर्फ़ राहुल के विरूद्ध थाना तेलीबांधा में अपराध क्रमांक 727/22 धारा 4, 5, 7 पीटा एक्ट का अपराध पंजीबद्ध किया गया है l आरोपी दलाल फरार है जिसकी पतासाजी कर गिरफ्तार करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं l वी डब्ल्यू कैन्यान होटल के मैनेजर से भी पूछताछ की जा रही है।माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा हाल ही में जारी किये गये आदेश का पालन करते हुए महिलाओं के विरूद्ध कार्यवाही नही की गई है तथा महिलाओं को साक्ष्य सूची में शामिल कर उनका बयान लिया जा रहा है।

ज्ञान का महासागर हैं.. #जिज्ञासा (पुस्तक समीक्षा) डॉ. नवीन आनन्द जोशी

मनुष्य दलाल प्रस्तुत के जीवन में ज्ञान का बहुत महत्व है, यह पहली ऐसी पुस्तक होगी, जिसमें राजनीतिक घटनाएं ,साहित्य, संस्कृति और व्यक्तित्व से जुड़े अनछुए पहलू भी पाठक को रोमांचित करेंगे, खासकर उस वर्ग में यह पुस्तक काफी लोकप्रिय होगी जो सामान्य ज्ञान के साथ-साथ अन कही अन सुनी बातों में भी रुचि रखते है.

कहते हैं कि निरपेक्ष सत्य की स्वानुभूति ही ज्ञान है. स्वयं तथा अपने आसपास के तत्वों का बोध होना या उनको समझने की शक्ति को ज्ञान कहते हैं। मनुष्य के जीवन में ज्ञान का बहुत महत्व है, ज्ञान के प्रकाश से ही वह अंधेरों से लड़ कर विजयी बनता है, ज्ञान के इसी गूढ रहस्य को उद्घाटित करती हैं पुस्तक जिज्ञासा..

प्रस्तुत पुस्तक जिज्ञासा में पत्रकार भूपेंद्र दलाल ने सबसे पहले पहले देश फिर परदेस मध्य में मध्य प्रदेश और अंत में उज्जैन के विभिन्न प्रकार के सामान्य ज्ञान और रहस्यों को बेहद रोचक अंदाज में प्रस्तुत किया है। लगभग 400 पृष्ठों की इस पुस्तक में उन्होंने राष्ट्रीय प्रतीक से लेकर धर्म धरा उज्जययिनी का पुरातन स्वरूप भी प्रस्तुत किया है । यह पहली ऐसी पुस्तक होगी, जिसमें राजनीतिक घटनाएं ,साहित्य, संस्कृति और व्यक्तित्व से जुड़े अनछुए पहलू भी पाठक को रोमांचित करेंगे, खासकर उस वर्ग में यह पुस्तक काफी लोकप्रिय होगी जो सामान्य ज्ञान के साथ-साथ अन कही अन सुनी बातों में भी रुचि रखते है। लेखक श्री दलाल की चाहत भी यही है कि यदि मेरी पुस्तक पढ़कर संघ लोक सेवा की तैयारी कर रहें किसी भी विद्यार्थी के उपयोग में आ जाएं तो मेरा पुस्तक लिखना सार्थक होगा। पुस्तक सामान्य ज्ञान के लिए महत्वपूर्ण कुंजी तो साबित होगी, साथ ही भारतीय राजनीति में अप्रसारित और अप्रकाशित किस्सें कहानी इसकी रोचकता को बढ़ाती हैं। जैसे मध्य भारत काल में 1 विधानसभा क्षेत्र से 2 विधायकों के निर्वाचन होने की जानकारी, भारत रत्न अलंकरण के प्रारंभ से लेकर अब तक पाने वालों के सचित्र विवरण इस पुस्तक में दिए हुए हैं।

साथ ही गांधी जी को क्यों नहीं मिला शांति का नोबेल पुरस्कार . इस विषय पर भी लेखक ने बड़ी दमदारी के साथ तथ्यात्मक जानकारी प्रस्तुत की है।देश में पुलिस का चलन कब प्रारंभ हुआ किस तरह से अपराध जगत से निपटने के लिए पुलिस की टुकड़ी बनी वह भी इस पुस्तक में दिया हुआ है। कोहिनूर हीरा, राजा विक्रम और अकबर के नवरत्न और स्वतंत्रता आंदोलन में समाचार पत्रों की भूमिका भी जिज्ञासा में बेहतरीन तरीके दलाल प्रस्तुत से लिखी गई है। सबसे रोचक घटनाएं विभिन्न देशकाल और परिस्थितियों में हुए अलग -अलग युद्वों को लेकर लिखी गई है । लेखक भूपेंद्र दलाल का मानना है कि देश और दुनिया में जब जब भी युद्ध हुए हैं तब तब समाज को एक नई दिशा मिली है, चाहे वह महाभारत काल के युद्ध रहे या आधुनिक काल की जंग. युद्ध सदैव समाज में परिवर्तन लाते हैं। खोजी और अंवेषणात्मक पत्रकारिता करते आ रहे श्री दलाल ने अपनी पुस्तक में हिंदी फिल्मों के चर्चित प्रेम प्रसंगों के दलाल प्रस्तुत राज से भी पर्दें उठाएं हैं ,जो अन्यत्र कभी दबा छुपा प्रकाशन मिलता था। भारत की मुद्रा और उसके चलन पर भी खोजपूर्ण और ऐतिहासिक जानकारी पुस्तक में नज़र आती हैं।

लेखक ने #जिज्ञासा" में सन् 1925 से लेकर 2011( एक सदी ) तक सोने के भाव भी दिये हैं। प्राचीन काल से चली आ रही गोला और गोली प्रथा, चाणक्य नीति , और पाकिस्तान में कब-कब सैन्य शासन रहा कैसे सियासी पण्डितों ने समाज में हालात बदले वह भी प्रकट किया। हिटलर और उससे जीवन चरित्र को भी पुस्तक में जगह दी गई है। मध्य प्रदेश के गठन से लेकर अद्यतन मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल और उनसे जुड़े रोचक किस्से भी जिज्ञासा में दिए गए हैं ,खासकर राघोगढ़ के खींची राजाओं की वंशावली, स्वतंत्र भारत के पहले रिश्वतखोर अर्जुन सिंह के पिता शिव बहादुर सिंह को चुनाव हराने के लिए नेहरू जी की अपील को भी पुस्तक में तथ्यों के साथ लिया गया है । गणेश शंकर विद्यार्थी, माखनलाल चतुर्वेदी, अमर शहीद बख्तावर सिंह ,1857 के महान क्रांतिकारी योद्धाओं के विषय में और अन्य विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक लोगों के विषय में भी लिखा गया है।

देश के विभिन्न राज्यों में कब और कैसे लगा राष्ट्रपति शासन, ये भी रोचक तरीके से लिखा गया है। बड़े और चर्चित राजघरानों की वंशावली उनसे जुड़े पहलू भी जिज्ञासा की विषय वस्तु बनी है।पुरातन दलाल प्रस्तुत भारत में मुगलों से लेकर मराठों तक मालवा के कौन-कौन शासक रहे और उनकी क्या शैली थी यह भी जिज्ञासा में बहुत ही विस्तारित ढंग से लेखक ने प्रस्तुत की है। फ्रीगंज को कस्टम फ्री बनाने का प्रमाण पत्र और उज्जैन का 1930 का नक्शा पुस्तक के अंतिम पृष्ठ पर दिया गया है ।

कुल मिलाकर ज्ञान के अथाह सागर में डुबकी लगाने और अपने -अपने हिस्से की अंजुरी भरने का आह्वान करती है जिज्ञासा पुस्तक गागर में महासागर समेटे हुए हैं। फ्लिपकार्ट और अमेजॉन पर यह उपलब्ध है साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को रियायती दरों पर प्रकाशक के माध्यम से यह पुस्तक उपलब्ध कराई जाएगी । बहरहाल अपनी अलहदा शैली में लीक से हटकर पत्रकारिता करने वाले भूपेंद्र दलाल की नई भूमिका लेखक समाज में पदार्पण करना आने वाले समय के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने हरियाणा में 30 एकीकृत पैक हाउस का उद्घाटन किया

19 नवम्बर 2022, सोनीपत: केंद्रीय कृषि मंत्री ने हरियाणा में 30 एकीकृत पैक हाउस का उद्घाटन किया केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि हरियाणा फसल उत्पादन और बागवानी में आगे है, इसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है। आज आवश्यकता है कि किसान नई फसलों की खेती करें, उत्पादन में तकनीक का उपयोग करें और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करें। खुशी की बात है कि हरियाणा का किसान और हरियाणा सरकार इसी रास्ते पर चल रही है।

केंद्रीय मंत्री सोनीपत (हरियाणा) के अटेरना गांव में राज्य भर में 30 एकीकृत पैक हाउस के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।

हरियाणा उद्यानिकी विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने प्रदेश में किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की सराहना की। हरियाणा में एफपीओ के माध्यम से पूरे राज्य में 30 पैक हाउस बनाए जा रहे हैं। हरियाणा सरकार ने राज्य में करीब 500 पैक हाउस बनाने की योजना बनाई है।प्रदेश में 500 पैक हाउस बनने से उद्यानिकी के क्षेत्र में क्रांति आएगी। उन्होंने फलों और सब्जियों के लिए बीमा योजना शुरू करने के लिए हरियाणा सरकार की भी प्रशंसा की।

हरियाणा के कृषि मंत्री श्री दलाल ने कहा कि प्रदेश में 11 एक्सीलेंस सेंटर हैं, जिनके माध्यम से करोड़ों पौधे तैयार कर किसानों को दिए जा रहे हैं। हरियाणा के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने नहरों के लिए भी बजट दोगुना कर दिया है। सिंचाई के क्षेत्र में 85 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। हरियाणा सरकार ने तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए तालाब प्राधिकरण का गठन किया है। साथ ही खारे पानी के किसानों को झींगा पालन के लिए प्रोत्साहित किया गया है। जिस जमीन पर पहले किसान 20 से 30 हजार रुपए सालाना कमाता था, आज झींगा पालन से 20 से 30 लाख रुपए की कमाई हो रही है। गन्नौर में दुनिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी लगाई जा रही है, जो 5500 एकड़ में फैलेगी।

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Cheque Dishonored : कोर्ट ने चेक न भुने जाने पर वकील और उसकी पत्नी को सजा सुनाई!

*Cheque Dishonored : कोर्ट ने चेक न भुने जाने पर वकील और उसकी पत्नी को सजा सुनाई!*

*रतलाम* : मध्यप्रदेश के रतलाम में एसा मामला सामने आया जहां न्यायालय ने एक वकील और उसकी पत्नी को छ: छ: माह की सजा सुनाई।और भुगतान नहीं करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा सुनाई।

*क्या हे मामला*

चैक अनादरण का यह प्रकरण देवीसिंह कालोनी निवासी शिवनारायण पिता बाबूलाल सोनी ने अधिवक्ता सैनिक कालोनी निवासी राजेश बाथम और उनकी पत्नी कमलेश बाथम के विरुद्ध लगाया था।

अभिभाषक राजेश बाथम ने फरियादी शिवनारायण सोनी से एक लाख रुपए उधार लिए थे। इसके बदले उन्होंने शिवनारायण सोनी को एक लाख रुपए का 5 अक्टूबर 2016 की तारीख का चैक दिया था।

जब फरियादी ने 6 अक्टूबर को चैक,बैैंक में चैक प्रस्तुत किया तो चैक बैंक से डिसऑनर हुआ और बैंक ने डिसर्नऑनर होने का कारण खाताधारक द्वारा भुगतान नहीं करना बताया।

*न्यायालय में किया प्रकरण दर्ज तो मिली सजा*

इस बात से दलाल प्रस्तुत व्यथित होकर शिवनारायण सोनी ने रतलाम की न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मनदीप कौर सेहमी के न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया।

न्यायाधीश सेहमी ने प्रकरण की सुनवाई के दौरान पाया कि वकील राजेश बाथम तथा उनकी धर्मपत्नी कमलेश बाथम ने रुपए लेकर भुगतान नहीं किया।

प्रकरण में दलाल प्रस्तुत न्यायालय ने आरोपी को दोषसिद्ध करार देते हुए छह माह के कारावास तथा एक लाख पैतालीस हजार रुपए फरियादी को अदा करने के आदेश दिए।

तथा प्रतिवादी द्वारा वादी को भुगतान अदा नहीं करने पर एक-एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिए।

बता दलाल प्रस्तुत दें कि एडवोकेट बाथम ने जो चैक दिया था जो उनके और उनकी धर्मपत्नी कमलेश बाथम के संयुक्त खाते का चैक था।

पुरातत्व के तथ्यों को वैज्ञानिक आधार से रूबरू होगी भावी पीढ़ी

संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने कहा है कि पुरातत्व को आकर्षक, रोचक और आसान भाषा में भावी पीढ़ी तक पहुँचाएँ। मंत्री सुश्री ठाकुर राज्य संग्रहालय में विश्व धरोहर सप्ताह अंतर्गत गतिविधियों के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रही थी। मंत्री सुश्री ठाकुर ने कहा कि पुरातत्व हमारी पहचान है। इसके तथ्यों को वैज्ञानिक आधार पर प्रस्तुत करें। भावी पीढ़ी में हमारी संस्कृति और धरोहर के प्रति गौरव का भाव विकसित करें। 21वीं सदी का जगतगुरू भारत का निर्माण तभी हो सकता है जब हम विश्वास करें कि हम कालजयी विश्वविजयी संस्कृति के संवाहक हैं।

प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि पुरातत्व और इतिहास को जन-जन का विषय बनाएँ। हमारे वैभवशाली इतिहास को भावी पीढ़ी तक पहुँचाना विभाग के साथ समाज का भी कर्त्तव्य है। हम सभी को भावी पीढ़ी में अपने इतिहास और संस्कृति के प्रति गर्व और प्रेम की भावना का विकास करना चाहिए। संस्कृति विभाग द्वारा निरंतर इस प्रकार के कार्यक्रम किए जाएंगे।

मंत्री सुश्री ठाकुर ने राज्य संग्रहालय में विश्व धरोहर सप्ताह में मृणमयी प्रतिमाओं की प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। यह प्रदर्शनी डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर पुरातत्व शोध संस्थान के सहयोग से लगाई गई है। मंत्री सुश्री ठाकुर ने पुरातत्व संचालनालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक "दलाल प्रस्तुत छतरपुर जिले का पुरातत्व" का विमोचन भी किया।

मंत्री सुश्री ठाकुर ने आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में हुई फोटोग्राफी के विजेताओं को पुरूस्कृत किया। पुणे के श्री अनूप गंधे को बिठोजी होलकर की छत्री के छायाचित्र के लिए प्रथम पुरस्कार के रूप में एक लाख रूपये, ग्वालियर के श्री राजेश लाड को मोहम्मद गौस का मकबरा ग्वालियर के छायाचित्र के लिए द्वितीय पुरस्कार के रूप में 50 हजार रूपये और इंदौर के श्री सुधांशु तिवारी को जल महल मांडू के छायाचित्र के लिए तृतीय पुरस्कार के रूप में 25 हजार रूपये एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। साथ ही वाराणसी के श्री सतीश वर्मा, इंदौर के श्री आकर्ष आर्य और कोलकाता के श्री प्रणब बासक को सांत्वना पुरस्कार के रूप में 10 हजार रूपए और प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए।

राज्य संग्रहालय के कार्यक्रम में डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर पुरातत्व शोध संस्थान भोपाल के निदेशक श्री प्रकाश परांजपे, जीवाजी विश्वविद्यालय के प्रो. एस.के. द्विवेदी, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली के सेवानिवृत्त अधीक्षण डॉ. मेनुअल जोसेफ और अश्विनी शोध संस्थान उज्जैन के निदेशक डॉ. आर.सी. ठाकुर ने पुरातत्व के वैज्ञानिक पहलुओं और उनके महत्व पर व्याख्यान दिया। विभागीय अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में पुरातत्व और इतिहास प्रेमी उपस्थित रहे।

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