क्रिप्टो धन

FAQ’s Crypto currency Bill 2021-22
क्रिप्टो धन
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बिटकॉइन, डी. ए. एस. एच., एथेरि .
बिटकॉइन, डी. ए. एस. एच., एथेरियम, मोनारों, लाइटकॉइन और जेड-कैश जैसे क्रिप्टो मुद्राओं का उपयोग करके परियोजनाओं के लिए धन एकत्रित करने के अनियमित साधनों को नाम दिया गया है।
इनिशियल, क्वॉइन ओफेरिंग क्रिप्टो करेंसी ओफेरिंग डिबी कॉइन ओफेरिंग इन डिबी करेंसी
Solution : बिटक्वाइन, डी. ए. एस. एच., एथेरियम, मोनारों, लाइटक्वॉइन और जेड-कैश जैसे क्रिप्टो मुद्राओं का उपयोग करके परियोजनाओं के लिए धन एकत्रित करने के अनियमित साधनों को इनिशियल क्वॉइन ओफेरिंग नाम दिया गया है। ICO में बिटक्वॉइन या एथेरियम जैसे कानूनी निविदा या अन्य क्रिप्टोकरेंसी की एक मात्रा बेची जाती है।
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पर रोक: विदेश में धन भेजकर वर्चुअल करेंसी में नहीं कर सकते हैं निवेश, ICICI बैंक का फैसला
ICICI बैंक ने अपने ग्राहकों से कहा है कि जब भी वे विदेश में पैसा भेजेंगे तो उन्हें यह बताना होगा कि वे इसका निवेश क्रिप्टो में नहीं करेंगे। इसके लिए बैंक ने अपने 'रिटेल आउटवर्ड्स रेमिटेंस एप्लीकेशन फॉर्म' में बदलाव किया है। इसके मुताबिक, ग्राहकों को आउटवर्ड्स रेमिटेंस आवेदन पत्र देना होगा। इसे ग्राहकों को आरबीआई लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत विदेशों में स्टॉक और संपत्तियों को खरीदने के लिए पैसा ट्रांसफर के लिए हस्ताक्षर करने होंगे। एलआरएस डिक्लरेशन क्रिप्टोटोकरेंसी में डायरेक्ट निवेश तक ही सीमित नहीं है।
ग्राहकों को बैंक की बातों से सहमत होना होगा
ग्राहकों को इस बात से भी सहमत होना होगा कि एलआरएस रेमिटेंस को बिटकॉइन में काम करने क्रिप्टो धन वाली कंपनी के म्यूचुअल फंड या शेयर या किसी अन्य संसाधनों की इकाइयों में निवेश नहीं किया जाएगा। क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए ज्यादातर बैंकिंग सेवाएं बंद करने के बाद ICICI बैंक ने अब अपने ग्राहकों से कहा है कि वे क्रिप्टो से जुड़े निवेश के लिए रिजर्व बैंक की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) का इस्तेमाल न करें।
बैक ने फॉर्म में किया फेरबदल
फेमा के तहत घोषणा के हिस्से के रूप में, बैंक ने अपने रिटेल आउटवर्ड्स रेमिटेंस एप्लिकेशन फॉर्म में फेरबदल किया है। यहां ग्राहकों को यह घोषणा करनी होगी कि प्रस्तावित निवेशों का उपयोग क्रिप्टो असेट्स की खरीद के लिए नहीं किया जाएगा। डिक्लेरेशन में कहा गया है कि ऊपर बताए गए रेमिटेंस बिटकॉइन/ क्रिप्टोकरेंसी, वर्चुअल करेंसी (जैसे एथोरम, रिपल, लाइटकॉइन, डैश,पीयरकॉइन, डोगेकॉइन, प्राइमकॉइन, चाइनाकॉइन, वेन, बिटकॉइन या किसी अन्य क्रिप्टो धन वर्चुअल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन) के निवेश या खरीद के लिए नहीं है।
बैंक ने ग्राहकों के लिए शर्त डाल दी है
एलआरएस का लाभ उठाने के लिए ICICI बैंक के ग्राहकों को इन सभी शर्तों से सहमत होना होगा। एलआरएस क्रिप्टो निवेश के लिए एक प्रमुख साधन रहा है। एक क्रिप्टो एक्सचेंज के संस्थापक ने बताया कि ICICI बैंक की इस तरह की घोषणा के बाद अन्य प्रमुख बैंक भी क्रिप्टो निवेश के लिए एलआरएस दरवाजे बंद कर देंगे। यह भारतीय क्रिप्टो बाजार के ट्रांजेक्शन को प्रभावित करेगा।
2004 में रिजर्व बैंक ने पेश किया था एलआरएस
एलआरएस को 4 फरवरी, 2004 को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के कानूनी ढांचे के तहत पेश किया गया था। लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत, अधिकृत डीलर किसी भी अकाउंट या लेनदेन या दोनों के लिए एक वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) तक रेजिडेंट द्वारा स्वतंत्र रूप से रेमिटेंस की अनुमति दे सकते हैं। यह योजना कॉर्पोरेट, पार्टनरशिप फर्मों, ट्रस्ट आदि के लिए उपलब्ध नहीं है।
लोग क्रिप्टो में पैसा लगाने की कोशिश कर रहे हैं
बहुत सारे लोग क्रिप्टो में अपना पैसा लगाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि ज्यादातर लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि इसको लेकर भारत में क्या होने वाला है। इसलिए वे क्रिप्टो में निवेश करने और इसे देश के बाहर भेजने के लिए एलआरएस का उपयोग करना पसंद कर रहे हैं। क्योंकि भारत सरकार ने विभिन्न कारणों से इसे यहां अनुमति नहीं दी है।
क्रिप्टो धन
तार अंतरण
रसंस्करण समय: 2-3 कार्य दिनों मे
जमा शुल्क: आपके बैंक का शुल्क , सामान्य रूप से $30 / €30 / ¥3000 प्रति स्थानांतरण
न्यूनतम जमा: $100 / €100 / ¥10.000
उपलब्ध वापसी विधि: तार अंतरण
बैंक कार्ड
रसंस्करण समय: तुरंत
जमा शुल्क: नि: शुल्क
न्यूनतम जमा: $100 / €100 / ¥10 000
अधिकतम जमा: $5000 / €5000 / ¥500 000
उपलब्ध वापसी क्रिप्टो धन विधि: जमा करने के लिए उपयोग किए जाने वाले वायर ट्रांसफर या बैंकिंग कार्ड
क्रिप्टो करेंसी
न्यूनतम जमा: 100$ / 100€ / 10000¥ / क्रिप्टो धन 2000 uBTC
उपलब्ध निकासी विधि: क्रिप्टो करेंसी
Perfect Money
तबादलों के लिए समय सीमा: तुरंत
न्यूनतम जमा राशि: 1$ / 1€
अधिकतम जमा राशि: 5000$ / 5000€
उपलब्ध निकासी विधि: Perfect Money
WebMoney भुगतान प्रणाली
प्रसंस्करण समय: तुरंत
उपलब्ध वापसी विधि: WebMoney भुगतान प्रणाली
नोट
* धन की निकासी से भुगतान प्रणाली का कमीशन हो सकता है। ऐसे कमीशन को पूर्व सूचना के बिना भुगतान प्रणालियों द्वारा पेश और / या संशोधित किया जा सकता है
क्रिप्टोकरेंसी से अर्थव्यवस्था को खतरा, RBI ने कहा-एक हिस्से का होगा ‘डॉलरीकरण’
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के शीर्ष अधिकारियों ने एक संसदीय समिति से कहा है कि क्रिप्टो करेंसी से अर्थव्यवस्था के एक हिस्से का ‘डॉलरीकरण’ हो सकता है जो भारत के संप्रभु हितों के खिलाफ होगा. सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पूर्व वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा की अगुवाई वाली वित्त पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत शीर्ष अधिकारियों ने अपनी बात रखी. उन्होंने क्रिप्टो करेंसी को लेकर अपनी आशंकाओं से उन्हें अवगत करवाया और कहा कि इससे वित्तीय प्रणाली की स्थिरता को लेकर चुनौतियां खड़ी होंगी.
खबर में खास
- RBI की क्षमता को भी कमतर कर सकती है
- अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्से का डॉलरीकरण हो सकता है
- बैंकों के पास देने के लिए संसाधनों की कमी हो
- क्रिप्टो बाजार के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं
RBI की क्षमता को भी कमतर कर सकती है
समिति के एक सदस्य के मुताबिक, रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने कहा, यह मौद्रिक नीति तय करने और देश की मौद्रिक प्रणाली का नियमन करने की केंद्रीय बैंक की क्षमता को गंभीर रूप से कमतर करेगी. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी में विनिमय का माध्यम बनने की क्षमता है और यह घरेलू स्तर पर और सीमापार होने वाले वित्तीय लेनदेन में रुपये का स्थान ले सकती है. केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने कहा कि ये करेंसी. मौद्रिक प्रणाली के एक हिस्से पर काबिज हो सकती है और प्रणाली में धन के प्रवाह के नियमन की RBI की क्षमता को भी कमतर कर सकती है.
अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्से का डॉलरीकरण हो सकता है
रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने आगाह किया कि आतंक के वित्तपोषण, धनशोधन और मादक पदार्थों की तस्करी में भी क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल किया जा सकता है और यही नहीं, यह देश की वित्तीय प्रणाली की स्थिरता के लिए क्रिप्टो धन बड़ा खतरा बन सकती है. उन्होंने संसदीय समिति से कहा, .लगभग सभी क्रिप्टो करेंसी डॉलर पर आधारित हैं और इन्हें विदेशी निजी संस्थान जारी करते हैं. ऐसे में संभव है कि इससे हमारी अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्से का डॉलरीकरण हो जाए जो देश के क्रिप्टो धन संप्रभु हितों के खिलाफ होगा.
बैंकों के पास देने के लिए संसाधनों की कमी हो
RBI के अधिकारियों ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी क्रिप्टो धन का बैंकिंग प्रणाली पर भी नकारात्मक असर होगा क्योंकि आकर्षक परिसंपत्तियां होने के कारण हो सकता है कि लोग अपनी मेहनत की कमाई इनमें लगाएं जिसके परिणामस्वरूप बैंकों के पास देने के लिए संसाधनों की कमी हो.
क्रिप्टो बाजार के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं
इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी और इससे जुड़ी परिसंपत्तियों के कारोबार पर 30 फीसदी कर लगाने की घोषणा की थी. एक अनुमान के मुताबिक, देश में क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों की संख्या 1.5 करोड़ से दो करोड़ के बीच है जिनके पास करीब 5.34 अरब डॉलर क्रिप्टो करेंसी है. भारत के क्रिप्टो बाजार के आकार के बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. यह संसदीय समिति वित्त नियामकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श कर रही है.
क्रिप्टो करेंसी बिल 2021-22 | जानिए क्रिप्टोकरंसी बिल को लेकर PM मोदी ने क्या कहा | crypto currency Bill in India
हो सकता है, आपने क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) का नाम तो सुना हो। परंतु क्या आप जानते हैं? भारत में अभी तक क्रिप्टोकरंसी गैर क़ानूनी है। क्योंकि क्रिप्टो करेंसी को भारत में किसी भी तरह से क़ानूनी तौर पर यूज नहीं किया जाता। भारत में क्रिप्टो करेंसी के तकरीबन डेढ़ से ढाई करोड़ यूजर हैं। यूजर्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए भारत सरकार द्वारा क्रिप्टोकरंसी बिल (Crypto currency Bill 2021-22) लाने की घोषणा की गई थी। शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरंसी एंड रेगुलेशन आफ ऑफिशल डिजिटल करंसी (Crypto currency and Regulation of Official Digital Currency) पर बिल पास करने की बात कही गई है।
भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister of India, Shri Narendra Modi) द्वारा Cryptocurrency Bill को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की हैं और मजबूत रेगुलेटरी स्टेप्स उठाने के संकेत दिए गए हैं। भारत सरकार का मानना है, कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर रेगुलेशन नहीं होने से इसका उपयोग टेररिस्ट फीडिंग (terrorist feeding) और काला धन (black money) की आवाजाही में हो सकता है। इसीलिए अभी तक भारत सरकार द्वारा क्रिप्टो करेंसी को लीगल करार नहीं किया गया है। क्रिप्टोकरंसी को लेकर बढ़ते यूजर्स का रुझान देखते हुए भारत सरकार द्वारा क्रिप्टोकरंसी बिल लाने की प्लानिंग की जा रही है।
Crypto currency Bill 2021-22 | क्रिप्टोकरंसी बिल 2021-22 क्या है?
भारत में बढ़ते हुए क्रिप्टो धन क्रिप्टो धन क्रिप्टोकरंसी के ट्रेंड को लेकर भारत सरकार द्वारा गाइड लाइन पर मंथन किया जा रहा है। क्रिप्टोकरंसी के नियमन के लिए केंद्र सरकार की ओर से संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरंसी एवं अधिकारी डिजिटल मुद्रा विनिमय विधेयक पेश किया जाएगा। जिससे क्रिप्टोकरंसी को लेकर भारत में स्थिति स्पष्ट हो सकती है, कि यह भारत में पूर्ण तरह से फेल होगी या इसे गाइडलाइन के आधार क्रिप्टो धन पर सुचारू रूप से जारी रखा जा सकता है। सरकार द्वारा क्रिप्टो करेंसी को लेकर जिस बिल को पास किया जाएगा उसका नाम है क्रिप्टोकरंसी एवं अधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनिमय विधेयक 2021 (Cryptocurrency and Official Digital Currency Exchange Bill 2021)
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा क्रिप्टो करेंसी पर आधिकारिक तौर पर फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है, तथा क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल को लेकर तकनीकी प्रारूप बनाने की योजना पर तैयारी चल रही है। भारत सरकार के रुझान के अनुसार निजी क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। दरअसल शीतकालीन सत्र में पेश होने वाले 26 दिन सूची में क्रिप्टो करेंसी बिल भी शामिल है। अब देखना यह है कि कैसे क्रिप्टोकरंसी अपने आप को इंडिया में लीगल साबित करती है या फिर पूर्णतया बेन होती है।
What Prime Minister Narendra Modi said on Cryptocurrency | क्रिप्टोकरंसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा
जैसा कि आप सभी जानते हैं क्रिप्टोकरंसी एक डिजिटल करेंसी है। जिसे इंडिया में लीगल करार नहीं किया गया है। परंतु विदेशों में डिजिटल करेंसी को बहुत अत्यधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है। जिसमें बिटकॉइन (bitcoin) महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरंसी कॉइन है, जो कि अब तक की क्रिप्टोकरंसी में सबसे महंगा कॉइन है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्रिप्टो धन द्वारा क्रिप्टोकरंसी को लेकर कई मंत्रालयों से उच्च स्तरीय बैठक की जा चुकी है। इसके अलावा सिटी न्यूज़ संवाद कार्यक्रम के दौरान क्रिप्टोकरंसी को लेकर संबोधन दिया गया, जिसमें पीएम मोदी कहते हैं, “क्रिप्टो करंसी आफ बिटकॉइन का उदाहरण ले लीजिए यह बेहद जरूरी है, कि सभी लोकतांत्रिक देश इस पर काम करें। साथ ही सुनिश्चित करें, कि यह गलत हाथों में न पड़े। क्योंकि इससे हमारे युवाओं पर गलत असर पड़ सकता है।”
In which countries is cryptocurrency legal | क्रिप्टोकरंसी किन देशों में लीगल है?
क्रिप्टोकरंसी भारत और चीन जैसे देशों में बैन है। हाल फिलहाल रिजर्व बैंक द्वारा इस पर पूर्णतया बैन लगा रखा है। पर अमेरिका समेत कई बड़े देश इसे अनुकूल स्कीम बना रहे हैं। सेंट्रल अमेरिका के अल सल्वाडोर कि कांग्रेस ने 8 जून 2021 को बिटकॉइन पर कानून पास किया। बिटकॉइन को लीगल टेंडर बनाने वाला दुनिया का यह पहला देश है। इसके साथ दक्षिण कोरिया जैसे बड़े देश भी क्रिप्टो करेंसी और एक्सचेंज को रेगुलेट करने के लिए कानूनी स्ट्रक्चर बनाने की तैयारी कर रहे हैं। क्रिप्टो करेंसी को क्रिप्टो फ्रेंडली मियामी युवक ने हाल ही में क्रिप्टो एंक्लेव का आयोजन किया। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी को पूरी दुनिया अपनाने क्रिप्टो धन का प्रयास कर रही है। इसी के साथ बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरंसी पर आधारित मैचुअल फंड स्कीम भी लांच की जा चुकी है।
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FAQ’s Crypto currency Bill 2021-22
Q . क्रिप्टोकरंसी बिल 2021 क्या है?
Ans. भारत के संविधान सत्र में क्रिप्टोकरंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल पास करने पर मंथन किया जा रहा है। सरकार का मानना है, कि क्रिप्टोकरंसी अभी तक इंडिया में गैरकानूनी है। क्रिप्टो करेंसी की उपयोगिता को लेकर भारत अभी भी इस पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाया है। शीतकालीन सत्र में यदि क्रिप्टोकरंसी बिल 2021 पास होता है, तो इस पर मजबूत गाइडलाइन जरूर बनेगी।
Q. क्या क्रिप्टोकरंसी भारत में लीगल है?
Ans. जी नहीं, अभी तक भारत में क्रिप्टोकरंसी को लेकर कोई भी कानून पास नहीं किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा क्रिप्टोकरंसी को बैन किया जा चुका है। अब शीतकालीन सत्र में 26 विधेयक बिल पास होने वाले हैं। जिसमें क्रिप्टोकरंसी भी शामिल है। यदि बिल पास होता है तो उस सरकार द्वारा इसकी उपयोगिता पर गाइडलाइन जरूर तैयार की जाएगी।
Q. क्रिप्टोकरंसी बिल 2021 कब तक पास होगा?
Ans. शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशल डिजिटल करंसी बिल 2021 पास हो सकता है। परंतु अभी तक बिल को लेकर कोई अपडेट नहीं की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरंसी को लेकर विभिन्न मंत्रालय एवं उच्च अधिकारियों से वार्तालाप की गई है।