क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं?

1. एफिशियंसीः यह कम खर्चीली है। ट्रांजैक्शन भी तेजी से हो सकते हैं। इसके मुकाबले करेंसी नोट्स का प्रिटिंग खर्च, लेन-देन की लागत भी अधिक है।
2. फाइनेंशियल इनक्लूजनः डिजिटल करेंसी के लिए किसी व्यक्ति को बैंक खाते की जरूरत नहीं है। यह ऑफलाइन भी हो सकता है।
3. भ्रष्टाचार पर रोकः डिजिटल करेंसी पर सरकार की नजर रहेगी। डिजिटल रुपए की ट्रैकिंग हो सकेगी, जो कैश के साथ संभव नहीं है।
4. मॉनेटरी पॉलिसीः रिजर्व बैंक के हाथ में होगा कि डिजिटल रुपया कितना और कब जारी करना है। मार्केट में रुपए की अधिकता या कमी को मैनेज किया जा सकेगा।
मैं क्रिप्टोकरेंसी निवेशक हूं, मुझे क्या मिला: क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर देना होगा 30% टैक्स, इसी साल अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा RBI
अप्रैल से शुरू होने जा रहे नए फाइनेंशियल ईयर में आपको शॉपिंग करने के लिए पर्स में कागज के नोट रखकर बाजार जाने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में अपनी डिजिटल करेंसी, यानी डिजिटल रुपया लॉन्च करने की घोषणा कर दी है। वहीं अब क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर टैक्स लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में इसकी जानकारी दी।
वित्त मंत्री ने साफ किया कि RBI की ओर से जारी होने वाले डिजिटल रुपए को ही डिजिटल करेंसी माना जाएगा। अन्य जो भी बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी है उसे एसेट माना जाएगा और इससे होने वाली कमाई पर 30% का टैक्स देना होगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी से ट्रांजैक्शन पर 1% का TDS देना होगा।
Bitcoin और दूसरी क्रिप्टो से कमाते हैं पैसा तो निवेशकों को देना चाहिए टैक्स: रेवेन्यू सेक्रेटरी
अगर निवेशक बिटकॉइन (Bitcoin) और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करके पैसा कमाते हैं, तो उन्हें टैक्स का भुगतान करना चाहिए। रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज (Revenue SecretaryTarun Bajaj) ने हमारे सहयोगी टीवी न्यूज चैनल CNBC-TV18 को दिए एक विशेष इंटरव्यू में ये बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को चाहे देश में रेगुलेट किया जा रहा हो या नहीं किया जा रहा हो, लेकिन इससे होने वाली कमाई पर टैक्स दिया जाना चाहिए।
बजाज ने कहा, "अगर आप क्रिप्टोकरेंसी में लाभ कमाते हैं, अगर आप किसी विशेष डील से पैसा बनाते हैं, तो हम (भारत सरकार) उससे टैक्स हासिल करना चाहेंगे।" उन्होंने कहा कि भले ही यह रेगुलेट हो या ना हो, कानूनी रूप से वैध हो या ना हो, लेकिन हम अपना टैक्स रेवेन्यू चाहते हैं।
Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार लेगी 30 फीसदी टैक्स, निवेश से पहले जरूर जान लें ये बड़ी बातें
By: नीतू झा | Updated at : 01 Feb 2022 07:09 PM (IST)
Cryptocurrency News: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश का सालाना बजट पेश किया. इस बजट को पेश करते हुए वित्त मंत्री ने बताया की जल्द ही आम लोगों के बीच डिजिटल रुपया भी पेश होने वाला है. इसके साथ सरकार क्रिप्टो करेंसी पर 30 फीसदी टैक्स भी लेगी. अगर आप भी क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल करते हैं और इसमें निवेश करने वाले हैं तो आपको यह खबर आपके काम की हो सकती है.
क्या है डिजिटल करेंसी
सबसे पहले बात करते हैं डिजिटल करेंसी की, दरअसल वित्त मंत्री ने कहा की डिजिटल करेंसी आने से फिलहाल जो करेंसी मैनेजमेंट का सिस्टम है वो काफी आसान और सस्ता हो जाएगा. क्रिप्टो करेंसी निवेश को लेकर अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने बताया कि दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी में इसे एसेट की तरह माना जाता है. वहीं कई देश में ये बैन भी है और कुछ ऐसे भी देश है जहां इसे करेंसी की तरह इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन ये एक ऐसा इन्वेस्टमेंट मार्केट है जहां इन्वेस्टर को मोटी कमाई होती है. यही वजह है की लोगों के बीच इसका क्रेज बढ़ गया है लेकिन इसमें रिस्क भी काफी ज्यादा है क्योंकि किसी बैंक की तरह यहां कोई रेगुलेटरी बॉडी नहीं है, इसलिए आपको इसमें क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं? इन्वेस्ट करने से पहले कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए.
तो क्या क्रिप्टो में किए पूरे निवेश पर टैक्स देना होगा?
ऐसा नहीं है। आपको केवल क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर टैक्स देना होगा। उदाहरण के लिए अगर आपने पांच हजार रुपये की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी और उसे पांच हजार 500 रुपये में बेच दिया, तो आपको केवल 500 रुपये पर 30 फीसदी यानी 150 रुपये टैक्स देना होगा।
नहीं। वित्त मंत्री ने साफ कहा है कि जिसे क्रिप्टोकरेंसी मिलेगी उसे टैक्स देना होगा। यानी, अगर आप अपने किसी मित्र को एक बिटकॉइन गिफ्ट करेंगे तो उसे टैक्स देना होगा। हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि विरासत में मिली क्रिप्टोकरेंसी पर ये टैक्स लगेगा या नहीं। कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह नियम गिफ्ट टैक्स के तहत लगेगा। गिफ्ट टैक्स के नियम साफ हैं कि निकट रिश्तेदार यानी भाई-बहन को दिये तोहफे पर टैक्स नहीं चुकाना होता।
1% टीडीएस की बात भी तो कही गई है वो कैसे लगेगा?
वित्त मंत्री ने बजट पेश करने बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हर क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर 1% का टीडीएस लगेगा। ये टीडीएस ट्रांसफर करने वाले को देना होगा।
दरअसल, सरकार इतना टैक्स लगाकर कर क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले निवेश को हतोत्साहित करना चाहती है। हालांकि, क्रिप्टो वर्ल्ड से जुड़े लोग सरकार के इस कदम को डिजिटल असेट को मुख्यधारा में शामिल करने के एक कदम के रूप में देख रहे क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं? हैं। वहीं, कॉइनस्विच के आशीष सिंघल इसे पूरे क्रिप्टो वर्ल्ड के लिए एक सकारात्मक कदम मानते हैं।
क्या मैं एक डिजिटल असेट में हुए नुकसान की भरपाई दूसरे से कर सकूंगा?
अगर इथेरियम में नुकसान हुआ, तो इसकी भरपाई बिटक्वाइन में हुए लाभ से नहीं कर सकेंगे। हर असेट यानी यूनिट अलग काम करेगी, उस पर हुए मुनाफे पर टैक्स लगेगा। नुकसान की भरपाई नहीं हो सकेगी।
नहीं। टैक्सेशन की दरें अगले वित्त वर्ष से लागू होगी। ऐसे में टैक्स से बचने के लिए 31 मार्च से पहले बड़े स्तर पर बिकवाली निकल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो क्रिप्टो करेंसी में अस्थिरता आएगी। सरकार की ओर से क्रिप्टो करेंसी की वैधता को लेकर अब तक कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है और रिजर्व बैंक इसके खिलाफ है। ऐसे में वर्चुअल रुपये को लाकर क्रिप्टो को पूरी तरह बैन करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। क्रिप्टो में निवेश पर अगर घाटा होता है तो इसकी कोई जवाबदारी सरकार की नहीं होगी।
क्रिप्टो और अधिकृत डिजिटल करेंसी में क्या फर्क है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी जारी करेगा। कोई भी मुद्रा 'करेंसी' तभी कहलाती है, जब केंद्रीय बैंक उसे जारी करता है। जो भी केंद्रीय बैंक के दायरे से बाहर है, उसे हम करेंसी नहीं कहेंगे। हम ऐसी 'करेंसी' पर टैक्स नहीं लगा रहे हैं, जिसे अभी जारी होना बाकी है। डिजिटल रुपये को RBI जारी करेगा, यही डिजिटल करेंसी कहलाएगी। इसके अलावा वर्चुअल डिजिटल दुनिया में जो कुछ है, वो संपत्तियां हैं। इसी तरह वित्त सचिव टीवी सोमनाथन कहते हैं कि भले ही क्रिप्टो पर टैक्स लेने का नियम बना है, तब भी ये वैध मुद्रा नहीं होगी।
आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश के केंद्रीय बैंक का नियंत्रण नहीं है। वहीं, भारत में जारी होने वाली डिजिटल करेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक नियंत्रित करेगा।
तो क्या क्रिप्टो में किए पूरे निवेश पर टैक्स देना होगा?
ऐसा नहीं है। आपको केवल क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर टैक्स देना होगा। उदाहरण के लिए अगर आपने पांच हजार रुपये की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी और उसे पांच हजार 500 रुपये में बेच दिया, तो आपको केवल 500 रुपये पर 30 फीसदी यानी 150 रुपये टैक्स देना होगा।
नहीं। वित्त मंत्री ने साफ कहा है कि जिसे क्रिप्टोकरेंसी मिलेगी उसे टैक्स देना होगा। यानी, अगर आप अपने किसी मित्र को एक बिटकॉइन गिफ्ट करेंगे तो उसे टैक्स देना होगा। हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि विरासत में मिली क्रिप्टोकरेंसी पर ये टैक्स लगेगा या नहीं। कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यह नियम गिफ्ट टैक्स के तहत लगेगा। गिफ्ट टैक्स के नियम साफ हैं कि निकट रिश्तेदार यानी भाई-बहन को दिये तोहफे पर टैक्स नहीं चुकाना होता।
1% टीडीएस की बात भी तो कही गई है वो कैसे लगेगा?
वित्त मंत्री ने बजट पेश करने बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हर क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर 1% का टीडीएस लगेगा। ये टीडीएस ट्रांसफर करने वाले को देना होगा।
दरअसल, सरकार इतना टैक्स लगाकर कर क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले निवेश को हतोत्साहित करना चाहती है। हालांकि, क्रिप्टो वर्ल्ड से जुड़े लोग सरकार के इस कदम को डिजिटल असेट को मुख्यधारा में शामिल करने के एक कदम के रूप में देख रहे हैं। वहीं, कॉइनस्विच के आशीष सिंघल इसे पूरे क्रिप्टो वर्ल्ड के लिए एक सकारात्मक कदम मानते हैं।
क्या मैं एक डिजिटल असेट में हुए नुकसान की भरपाई दूसरे से कर सकूंगा?
अगर इथेरियम में नुकसान हुआ, तो इसकी भरपाई बिटक्वाइन में हुए लाभ से नहीं कर सकेंगे। हर असेट यानी यूनिट अलग काम करेगी, उस पर हुए मुनाफे पर टैक्स लगेगा। नुकसान की भरपाई नहीं हो सकेगी।
नहीं। टैक्सेशन की दरें अगले वित्त वर्ष से लागू होगी। ऐसे में टैक्स से बचने के लिए 31 मार्च से पहले बड़े स्तर पर बिकवाली निकल सकती है। अगर ऐसा हुआ तो क्रिप्टो करेंसी में अस्थिरता आएगी। सरकार की ओर से क्रिप्टो करेंसी की वैधता को लेकर अब तक कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है और रिजर्व बैंक इसके खिलाफ है। ऐसे में वर्चुअल रुपये क्रिप्टोकरेंसी में मैं कैसे निवेश कर सकता हूं? को लाकर क्रिप्टो को पूरी तरह बैन करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। क्रिप्टो में निवेश पर अगर घाटा होता है तो इसकी कोई जवाबदारी सरकार की नहीं होगी।