टैक्स रिक्लेम क्या हैं?

ITR Filing: इन 6 तरह के डिडक्शन का इस्तेमाल कर आप घटा सकते हैं अपना टैक्स
इनकम टैक्स कानून में सेक्शन टैक्स रिक्लेम क्या हैं? 80 के अलावा भी कई तरह के डि़डक्शन की इजाजत है। इनका इस्तेमाल करने पर टैक्स लायबिलिटी में काफी कमी लाई जा सकती है
क्या आपने इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल कर दिया है? सालाना ग्रॉस इनकम 2.5 लाख रुपये से ज्यादा होने पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है। इसकी डेडलाइन (आखिरी तारीख) 31 जुलाई, 2022 है। टैक्सपेयर्स को कई तरह के टैक्स रिक्लेम क्या हैं? डि़डक्शन क्लेम करने की इजाजत है। इससे उस पर टैक्स का बोझ घट जाता है। सेक्शन 80सी के तहत आने वाले इनवेस्टमेंट ऑप्शंस के बारे में सब जानते हैं। इनमें निवेश कर आप डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। कुछ और भी डिडक्शन है, जिन्हें क्लेम कर आप अपनी टैक्स लायबिलिटी घटा सकते हैं। आइए उनके बारे में जानते हैं।
1. पेंशन फंड में कंट्रिब्यूशन पर डिडक्शन
अगर आपने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में पेंशन पाने के लिए किसी इंश्योरेंस कंपनी के एनुइटी प्लान में कंट्रिब्यूट किया है तो आप कंट्रिब्यूशन अमाउंट पर डिडक्शन का दावा कर सकते हैं। सेक्शन 80CCC पेंशन प्रोडक्ट्स खरीदने पर 1.5 लाख रुपये तक के डिडक्शन की इजाजत देता है। रेजिडेंट इंडियंस और NRI दोनों पेंशन के लिए इस कंट्रिब्यूशन पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
ITR Refund: रिफंड क्लेम करने पर इनकम टैक्स से मिला नोटिस, बचने के लिए करना होगा ये काम
ITR Refund: कई टैक्सपेयर्स को तो रिफंड मिल गया होगा लेकिन टैक्सपेयर्स ऐसे भी होंगे, जिन्हें रिफंड की जगह इनकम टैक्स विभाग का नोटिस मिला होगा. यहां जानिए टैक्स नोटिस मिलने पर क्या करें.
ITR Refund: इनकम टैक्स रिटर्न भरने का वक्त अब खत्म हो चुका है. सरकार की ओर से तय तारीख यानी 31 जुलाई इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन थी. ऐसे में अब इनकम टैक्स विभाग (IT Department) की ओर से रिटर्न्स की स्क्रूटनी की जा रही है और जिन टैक्सपेयर्स का टीडीएस (TDS) कटा है, उनका विभाग की ओर से रिफंड दिया टैक्स रिक्लेम क्या हैं? जा रहा है. कई टैक्सपेयर्स को तो रिफंड मिल गया होगा लेकिन टैक्सपेयर्स ऐसे भी होंगे, जिन्हें रिफंड की जगह इनकम टैक्स विभाग का नोटिस मिला होगा. ऐसा तब होता है जब इनकम और टैक्स की गणना गलत की गई होती है.
AI के जरिए विभाग कर रहा है स्क्रूटनी
बता दें कि इनकम टैक्स विभाग इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित एक सॉफ्टवेयर के जरिए रिटर्न्स की स्क्रूटनी कर रहा है. इसी के आधार पर टैक्सपेयर को नोटिस दिया जा रहा है. इनकम टैक्स एक्ट की अलग-अलग धाराओं में अगर कई क्लेम एक साथ कर दिए जाएं तो नोटिस मिल सकता है. ऐसे में टैक्सपेयर को आईटीआर वेरिफाई करने और रिवाइज करनी होती है.
क्यों मिलता है इनकम टैक्स का नोटिस
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80G के तहत अलग-अलग खर्चों पर टैक्स छूट का फायदा उठाया जा सकता है. इस सेक्शन के तहत छूट क्लेम करने वाले छोटे कारोबारी या टैक्सपेयर को ज्यादा नोटिस मिल रहा है. दान का पैसा, चेरिटेबल फंड, रिलीफ फंड इस दायरे में आते हैं.
ऐसे में सैलरी क्लास हो या व्यापारी क्लास, अगर टैक्स और इनकम की गणना गलत है तो इनकम टैक्स विभाग की ओर से नोटिस मिल सकता है. गड़बड़ी पाई जाती है तो कार्रवाई के तौर पर 200 फीसदी तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
नोटिस मिलने पर क्या करें
अगर आपको टैक्स रिक्लेम क्या हैं? भी इनकम टैक्स विभाग की ओर से नोटिस मिला है तो सबसे पहले वो कागज जुटाएं जो निवेश में दिखाए गए टैक्स रिक्लेम क्या हैं? हैं. इन डॉक्यूमेंट्स के आधार पर ही नोटिस मिलने के 15 दिन के अंदर आईटीआर फाइलिंग को रिवाइज करें.
अगर सैलरीड एम्प्लॉए हैं जो फॉर्म 16 में दिखाए गए डिडक्शन से मिला लें. अपने ITR में दिए गए सभी डिडक्शन को फॉर्म 26AS में भी मिलाएं. टीडीएस की राशि फॉर्म 16 और फॉर्म 26 एएस में एक जैसी होनी चाहिए. अगर फॉर्म में कोई अंतर दिखाई पड़ रहा है तो अपनी कंपनी से इसे सही करने के लिए कहे.
Income Tax Rebate : आपकी सैलरी में शामिल हैं 10 तरह की टैक्स छूट, क्या ITR फाइल करते समय करते हैं क्लेम, यहां पाएं पूरी जानकारी
Income Tax Rebate : आपकी सैलरी में 10 तरह की टैक्स छूट शामिल है. जिसको ITR फाइल करते समय क्लेम कर सकते हैं. इसमें हाउस रेंट अलाउंस समेत 2 बच्चों की शिक्षा समेत अवकाश लेकर यात्रा करना भी शामिल है.
Updated: September 23, 2022 8:58 AM IST
Income Tax Rebate : अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपके वेतन में कई ऐसे विकल्प शामिल हैं, जो टैक्स के बोझ को कम करने में मददगार हो सकते हैं. इनमें से कुछ विकल्पों में टैक्स का पूरा भुगतान करने की आवश्यकता होती है, जबकि 10 ऐसे विकल्प हैं जो टैक्स छूट के अंतर्गत आते हैं. ऐसे में हर नौकरीपेशा व्यक्ति को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि वह कंपनी द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ उठा पा रहा है या नहीं.
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कर्मचारी भविष्य निधि
ईपीएफ एक्ट के तहत कंपनी कर्मचारी के मूल वेतन और भत्तों का 12 फीसदी ईपीएफ में निवेश करती है. कंपनी को भी इतनी ही राशि का निवेश करना है. कर्मचारी का योगदान कर छूट है, जो 1.5 लाख रुपये तक है. यह छूट आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत उपलब्ध है. इस पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्स छूट के दायरे में आता है.
अवकाश यात्रा भत्ता (LTA)
कर्मचारियों टैक्स रिक्लेम क्या हैं? को अपने परिवार के साथ देश में कहीं भी यात्रा करने के लिए, कंपनियां छुट्टी यात्रा भत्ता प्रदान करती हैं, जो कर मुक्त है. यह छूट केवल ट्रेन, हवाई जहाज या सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करने पर उपलब्ध है. इसमें गंतव्य तक पहुंचने के लिए सबसे कम दूरी को आधार बनाया जाता है. वेतन का यह हिस्सा कर्मचारी कंपनी के पास बुक किया हुआ टिकट जमा कर जमा कर सकता है. यह लाभ तभी मिलता है जब आप चार कैलेंडर वर्षों में दो बार यात्रा करते हैं.
हाउस रेंट अलाउंस (HRA)
वेतन का यह हिस्सा कर्मचारी को मकान किराए के भुगतान के एवज में दिया जाता है. इस पर टैक्स छूट पाने के लिए जरूरी है कि यह सैलरी का हिस्सा हो. आप निर्दिष्ट सीमा के साथ एचआरए के लिए प्राप्त राशि पर कर छूट का दावा कर सकते हैं.
कार रखरखाव भत्ता
बाजार के अनुसार कार की कीमत पर एक सीमा तक बैंक प्रतिपूर्ति का दावा किया जा सकता है. इस पर आपको टैक्स में छूट भी मिल सकती है. हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कार कंपनी की है या कर्मचारी की. यह प्रतिपूर्ति कुछ विशेष कार्यालय के काम और कई निजी काम के लिए उपलब्ध है.
खाद्य कूपन
ज्यादातर मल्टीनेशनल कंपनियां ऑफिस के काम के दौरान खाने-पीने के लिए फूड कूपन देती हैं. आप एक बार के खाने पर 50 रुपये तक की टैक्स छूट पा सकते हैं. महीने में 22 कार्य दिवसों के लिए दिन में दो बार सालाना 26,400 रुपये तक की कर छूट का लाभ उठा सकते हैं.
बाल शिक्षा भत्ता
बच्चे की फीस देने के एवज में कंपनियां कर्मचारी को सालाना 1,200 रुपये या 100 रुपये प्रतिमाह शिक्षा भत्ता देती हैं. यह सुविधा केवल दो बच्चों के लिए उपलब्ध है. इसके अलावा, कोई भी आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत ट्यूशन फीस के भुगतान पर कर छूट का दावा कर सकता है.
छात्रावास व्यय पर छूट
कंपनियां अपने कर्मचारियों को छात्रावास व्यय भत्ता देती हैं. इसके तहत कर्मचारी को बच्चे के छात्रावास के खर्च पर 3,600 रुपये या 300 रुपये प्रति माह का वार्षिक भत्ता मिलता है, जो कर मुक्त है. यह छूट अधिकतम 2 बच्चों के लिए ही उपलब्ध है.
फोन बिल प्रतिपूर्ति
इसमें टेलीफोन और मोबाइल फोन बिल दोनों की प्रतिपूर्ति शामिल है. ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन सहित टेलीफोन शुल्क इसके अंतर्गत आते हैं. कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को यह सुविधा देती हैं, जो टैक्स छूट के दायरे में आती हैं.
वर्दी भत्ता
कर्मचारियों को यह भत्ता ड्यूटी पर रहते हुए अपनी वर्दी के रखरखाव के लिए मिलता है. आप वर्दी की खरीद और रखरखाव में होने वाले खर्च पर भी कर छूट प्राप्त कर सकते हैं.
उपहार वाउचर
कंपनियां कभी-कभी अपने कर्मचारियों को तोहफा देती हैं, जिस पर टैक्स में छूट मिलती है. हालांकि इसमें शर्त यह है कि इसकी कुल कीमत सालाना 50,000 रुपये से ज्यादा न हो, तभी आपको टैक्स में छूट मिल सकती है.
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Income Tax Refund: क्या आपको पता है कि टैक्स रिफंड ना क्लेम करने पर क्या होता है? यहां समझे
ITR Filling: आपको बता दें कि अगर आपके रिफंड सीमा 1 लाख रुपये तक ही है तो इस अमाउंट को प्राप्त करने के लिए टैक्स रिक्लेम क्या हैं? आपको संबंधित कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स (CIT) को एप्लीकेशन देना होगा.
By: ABP Live | Updated at : 28 Jan 2022 02:31 PM (IST)
इनकम टैक्स रिटर्न
Importance of Income Tax Refund: हर नौकरीपेशा व्यक्ति (Salaried Person) जिसकी सैलरी टैक्स स्लैब के अंदर आती है उसे इनकम टैक्स का भुगतान करना ही पड़ता है. वहीं इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल (Income Tax Return Filing) करने के बाद आपको इनकम टैक्स रिफंड आना शुरू हो जाता है. आपको बता दें कि हर साल टैक्सपेयर्स (Taxpayer) को अपने टैक्स रिफंड के लिए एक निर्धारित समय तक टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी होता है. ऐसा ना करने से आपको ही नुकसान होता है. गौरतलब, है कि आईटीआर फाइलिंग (ITR filing) में देर से दाखिल करने से आपको बाद में पैसों पर किसी भी तरह का इंटरेस्ट नहीं मिलता है.
आपको बता दें कि अगर आपका इनकम टैक्स रिफंड 1.5 लाख का है और इसमें 9 महीने के देरी है तो उस पर मिलने वाला ब्याज आपको बाद में नहीं मिलेगा. इसके साथ ही सही समय पर इनकम टैक्स रिटर्न नहीं करने पर आपको 5,000 रुपये तक लेट फाइलिंग फीस (ITR Late Filing Fees) भी देनी पड़ सकती है. इसलिए कोशिश करें कि आप सही समय पर अपनी आईटीआर फाइल करें. आईटीआर दाखिल (ITR File) करने के बाद आप अपने रिफंड को भी टैक्स रिक्लेम क्या हैं? क्लेम कर सकते हैं.
आईटीआर (ITR) न दाखिल करने पर क्या होगा?
कई बार यह देखा गया है कि लोग पिछले वित्तीय वर्ष में टैक्स रिफंड क्लेम (ITR Refund Claim) करना भूल जाते हैं. ऐसे में उन्हें इसकी जानकारी अगले साल होती है. लेकिन, तब तक समय सीमा पूरी हो चुकी होती है. लेकिन, ऐसी स्थिति में भी विशेष प्रावधान है. इसके लिए एक बोर्ड सर्कुलर 2001 है जारी किया गया है. इसके अनुसार मौजूदा वित्तीय वर्ष में आप पिछले 6 साल तक लेट रिफंड क्लेम कर सकते हैं. लेकिन, इस रिफंड में आपको किसी तरह का ब्याज नहीं मिलेगा.
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रिफंड पर किसी तरह का नहीं मिलता ब्याज
आपको बता दें कि अगर आपके रिफंड सीमा 1 लाख रुपये तक ही है तो इस अकाउंट को प्राप्त करने के लिए आपको संबंधित कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स (CIT) को एप्लीकेशन देना होगा. वहीं आपकी रिफंड सीमा 1 से 5 लाख रुपये तक की है तो आपको चीफ कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स (CIT) एक एप्लीकेशन देना होगा. वहीं 5 लाख से ज्यादा रे रिटर्न पर आपको सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) को एप्लीकेशन देना होगा. ध्यान रखें कि सही समय पर ITR दाखिल करने पर आपको रिफंड पर मिलने वाला टैक्स भी मिलता है.
Published at : 28 Jan 2022 02:27 PM (IST) Tags: income tax itr Income tax refund हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
होम लोन टैक्स लाभ
यह कटौती सेक्शन 80 ईईए के तहत उपलब्ध है जो भुगतान किए गए होम लोन ब्याज़ पर रु. 1.5 लाख तक के इनकम टैक्स लाभ प्रदान करती है. ये होम लोन टैक्स लाभ सेक्शन 24(बी) के तहत रु. 2 लाख की मौजूदा छूट के ऊपर उपलब्ध हैं.
होम लोन की इन टैक्स छूट लाभ को सिर्फ रु. 45 लाख तक के स्टैंप वैल्यू वाले घर खरीदने पर ही क्लेम किया जा सकता है. घर का स्वामी 31 मार्च 2022 तक लोन पर प्राप्त होने वाले लाभों पर क्लेम कर सकता है. इस प्रकार, उधारकर्ता अधिकतम रु. 7 लाख की इनकम टैक्स कटौती के लिए क्लेम कर सकते हैं.
पीएमएवाय सीएलएसएस स्कीम के तहत भारत में होम लोन लेने वाले लोगों के लिए सेक्शन 80 ईईए के तहत इनकम टैक्स लाभ उपलब्ध हैं.
नए टैक्स रिक्लेम क्या हैं? इनकम टैक्स नियमों के अनुसार, अप्रैल 2022 से, वित्त वर्ष 23 में स्वीकृत कोई भी नया होम लोन सेक्शन 80-ईईए के तहत टैक्स लाभ का क्लेम करने के लिए पात्र नहीं होगा, क्योंकि टैक्स लाभ की अवधि समाप्त हो गई है.
होम लोन पर टैक्स छूट प्रदान करने वाले इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन का विवरण:
IT अधिनियम में सेक्शन
होम लोन कटौती का प्रकार
अधिकतम कटौती योग्य राशि
मूल पुनर्भुगतान के लिए कटौती
भुगतान किए गए ब्याज़ के लिए कटौती
हाउसिंग लोन पर कटौती के प्रकार
भारत सरकार उधारकर्ताओं को राहत देने के लिए इन लाभों को प्रदान करती है, जिससे यह और अधिक किफायती हो जाते हैं. जब आप होम लोन लेते हैं, तो आपको ईएमआई के रूप में मासिक पुनर्भुगतान करना होता है, जिसमें दो प्रमुख घटक शामिल होते हैं - मूलधन राशि और देय ब्याज. IT अधिनियम उधारकर्ताओं को व्यक्तिगत रूप से इन दोनों घटकों पर टैक्स लाभ का फायदा उठाने में मदद करता है.