ईटीएफ की लागत क्या है?

क्या मुझे ETF में निवेश करना चाहिए?ईटीएफ की लागत क्या है? ईटीएफ की लागत क्या है?
ETF शेयर बाजार का अनुभव पाने के लिए सबसे कम लागत का ज़रिया है। वे लिक्विडिटी और रियल टाइम सेटलमेंट देते हैं क्योंकि वे एक्सचेंज पर लिस्टेड( सूचीबद्ध) हैं और उनमें शेयरों की तरह कारोबार होता है। ETFs कम जोखिम वाले विकल्प हैं क्योंकि वे आपके कुछ पसंदीदा शेयरों में निवेश करने के बजाय स्टॉक इंडेक्स का अनुकरण करते हैं और उनमें डाइवर्सिफिकेशन होता है।
ETFs ट्रेड करने के आपके पसंदीदा तरीके में फ्लेक्सिबिलिटी देते हैं जैसे कीमत घटने पर बेचना या मार्जिन पर खरीदना। कमोडिटीज़ और अंतर्राष्ट्रीय सिक्युरिटीज़ में निवेश जैसे कई विकल्प ईटीएफ में भी उपलब्ध हैं। आप अपनी पोज़िशनकी हेजिंग(बचाने ) के लिए ऑपशन्स और फ़्यूचर्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं जो म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर नहीं मिलता है।
हालाँकि, ETFs हर निवेशक के लिए सही नहीं होते हैं। नए निवेशकों के लिए इंडेक्स फंड्स बेहतर विकल्प हैं जो कम रिस्क वाले ऑप्शन को चुनकर लंबी-अवधि के लिए इक्विटी में निवेश करने का फायदा उठाना चाहते हैं। ETFs उन लोगों के लिए भी सही हैं जिनके पास एकमुश्त(लमसम) नगद पैसा है लेकिन अभी तक यह तय नहीं कर पाए हैं कि नकदी का निवेश कैसे किया जाए। वे कुछ समय के लिए ETF में निवेश कर सकते हैं और तब तक कुछ रिटर्न कमा सकते हैं जब तक कि नकदी सही जगह पर इस्तेमाल ना हो जाए। सही ETF का चुनने के लिए ज़्यादातर रिटेल निवेशकों के मुकाबले, वित्तीय बाज़ार की अच्छी समझ होना ज़्यादा ज़रूरी होता है। इसलिए, आपके ETF निवेश को संभालने के लिए निवेश में थोड़ी व्यावहारिक कुशलता की भी ज़रूरत होती है।
ईटीएफ और म्युचुअल फंड, निवेश के लिए कौन सा है ईटीएफ की लागत क्या है? बेहतर, क्या है दोनों में अंतर
निवेश करने से पहले ये भी जानना जरूरी है कि म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, दोनों के क्या फायदे और क्या नुकसान हैं. इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की आधिकारिक वेबसाइट nseindia.com पर भी लॉग इन कर सकते हैं.
निवेश के बेहतर उपाय
gnttv.com
- नई दिल्ली ,
- 21 दिसंबर 2021,
- (Updated 21 दिसंबर 2021, 4:14 PM IST)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की आधिकारिक वेबसाइट nseindia.com पर भी मिल सकती है जानकारी.
इंडेक्स फंड की तुलना में ईटीएफ में लेनदेन की कम लागत होती है.
इंवेस्टमेंट करने में रुचि रखने वाले व्यक्तियों को इस बारे में संदेह हो सकता है कि कहां निवेश करना है- म्यूचुअल फंड या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF). निवेश करने से पहले इनके फायदे और नुकसान के बारे में पता होना चाहिए. इस बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के इच्छुक व्यक्ति नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की आधिकारिक वेबसाइट nseindia.com पर भी लॉग इन कर सकते हैं. निवेश करने से पहले ये भी जानना जरूरी है कि म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, दोनों के क्या फायदे और क्या नुकसान हैं.
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट के अनुसार, ETF सिक्योरिटी के बास्केट होते हैं (सूचकांक) जिनका कारोबार होता है. जैसे व्यक्तिगत स्टॉक या एक्सचेंज पर. नियमित ओपन-एंड म्यूचुअल फंड के विपरीत, ईटीएफ को किसी भी स्टॉक की तरह पूरे ट्रेडिंग डे में खरीदा और बेचा जा सकता है. इंडेक्स फंड की तुलना में ईटीएफ ईटीएफ की लागत क्या है? में लेनदेन की कम लागत और वार्षिक परिवर्तन होते हैं. ईटीएफ को जोखिम से बचने और पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों के लिए एक सेफ प्रोडक्ट माना जाता है, खासतौर पर उनके लिए जो बाजार से जुड़े रिटर्न चाहते हैं.
म्यूचुअल फंड्स
NSE वेबसाइट के अनुसार, म्यूचुअल फंड एक निवेश वाहन है जो स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करने के उद्देश्य से कई निवेशकों से एकत्र किए गए फंड्स के पूल से बना है. म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि वे छोटे निवेशकों को इक्विटी, बॉन्ड और दूसरी सिक्योरिटीज के पोर्टफोलियो तक पहुंच देते हैं, जोकि कम पूंजी के साथ बनाने के लिए काफी मुश्किल होगा.
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और म्यूचुअल फंड में अंतर
एक निवेशक को यह ध्यान रखना चाहिए कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड स्टॉक की तरह व्यापार करते हैं. जिसकी वजह से ये पारंपरिक म्यूचुअल फंड से ज्यादा फ्लेक्सिबल होते ईटीएफ की लागत क्या है? हैं. खासतौर पर निवेशक स्टॉक के रूप में पूरे दिन ईटीएफ का व्यापार कर सकते हैं. इसकी तुलना में, एक पारंपरिक म्यूचुअल फंड में निवेशक केवल फंड के NAV पर यूनिट खरीद सकते हैं, जोकि प्रत्येक ट्रेडिंग डे के अंत में प्रकाशित होता है. वास्तव में, निवेशक ईटीएफ को क्लोजिंग NAV पर नहीं खरीद सकते हैं. ईटीएफ तुरंत व्यापार करने लायक होते हैं, जिसके चलते ईटीएफ के मामले में निवेश के समय और व्यापार के समय के बीच मूल्य अंतर का जोखिम काफी कम होता है.
ईटीएफ की लागत क्या है?ईटीएफ की लागत क्या है?
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क्या आप ईटीएफ में निवेश करना चाहते हैं? इसके फायदे और नुकसान जान लें
ईटीएफ (ETF) के जरिए आप किसी खास तरह की सिक्योरिटीज (Securities) में ईटीएफ की लागत क्या है? निवेश करते हैं। निफ्टी 50 ईटीएफ और गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
हाइलाइट्स
- ईटीएफ को शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज में खरीदा और बेचा जा सकता है।
- इसकी कीमत शेयर बाजार के सत्र के दौरान ऊपर और नीचे जाती है।
- ईटीएफ में लिक्विडटी अपेक्षाकृत कम होती है, जिससे इसे बेचने में मुश्किल आती है।
ईटीएफ में निवेश के फायदे
ईटीएफ को शेयर बाजार में रियल टाइम बेसिस पर खरीदा या बेचा जा सकता है। इसकी प्रबंधन लागत भी कम होती है। अगर आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट है तो शेयर बाजार के सत्र के दौरान आप आसानी से शेयरों की तरह ईटीएफ खरीद और बेच सकते हैं। इसका एक्सपेंस रेशियो कम होता है। आप ईटीएफ की एक यूनिट भी खरीद सकते हैं। ईटीएफ निवेशक को एक सत्र में कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने का मौका देता है। म्यूचुअल फंड में आपको यह मौका नहीं मिलता है। निफ्टी 50 ईटीएफ, गोल्ड ईटीएफ, लिक्विड ईटीएफ और इंटरनेशनल ईटीएफ कुछ मशहूर ईटीएफ के उदाहरण हैं।
ईटीएफ में निवेश के नुकसान
ईटीएफ आज भी म्यूचुअल फंडों के मुकाबले कम लोकप्रिय हैं। इससे होने वाला कारोबार (वॉल्यूम) कम होता है। इस वजह से खरीदने के लिए ऑफर की गई कीमत और बेचने के लिए ऑफर की गई कीमत के बीच फर्क ज्यादा होता है। इस वजह से इसमें लिक्विडटी कम होती है। इस वजह से ईटीएफ बेचने में थोड़ी मुश्किल आ सकती है। अगर आप कम संख्या में ईटीएफ की यूनिट खरीदते या बेचते हैं तो ब्रोकरेज और डीमैट चार्ज थोड़ा ज्यादा हो जाता है।