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चारधाम यात्रा: 2023 तक श्रद्धालुओं की संख्या पहुंचेगी 80 लाख, पर्यटन में हासिल होगा नया मुकाम

सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन ने विश्व प्रसिद्ध चार धामयात्रा को लेकर नए तथ्य जारी किए हैं. फाउंडेशन की मानें तो 2023 में चारधाम में आने वाले पर्यटकों का आंकड़ा 80 लाख तक पहुंच सकता है.

देहरादूनः हिंदू धर्म के प्रसिद्ध तीर्थस्थान चारधाम में साल दर साल श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है. आगामी वर्षों में रुझान 2023 यह संख्या और बढ़ सकती है. अब इसको लेकर सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन ने नए तथ्य जारी किए हैं.

फाउंडेशन ने चारधाम और चारधाम से लगते क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों की संख्या पर रुझान जारी किया है, जिसके अनुसार साल 2023 में चारधाम में आने वाले पर्यटकों का आंकड़ा 80 लाख तक पहुंच सकता है, क्योंकि प्रदेश में लगातार बढ़ रही पर्यटकों की संख्या अच्छे संकेत दे रही है.

सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन द्वारा जारी की गई 'एनालाइजिंग द टूरिस्ट पेटर्न इन चारधाम रीजन ऑफ उत्तराखंड' शीर्षक में यह आंकड़ा केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ और उत्तरकाशी पहुंचने वाले पर्यटकों की रुझान 2023 संख्या को आधार बनाकर तैयार किया गया है. जिसके अनुसार साल 2020 में चारधाम और चारधाम से लगते क्षेत्रों में 55 लाख पर्यटक पहुंचने की उम्मीद जताई है. इसके साथ ही 2023 में पर्यटकों की संख्या 80 लाख होने की संभावना भी जताई गई है.

उत्तराखंड के केदारघाटी में साल 2013 में आई भीषण आपदा के बाद यूं तो चारधाम आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी जरूर आयी थी, लेकिन साल दर साल धीरे-धीरे पर्यटकों की संख्या बढ़ती चली गई. लिहाजा साल 2019 में चारधाम की यात्रा पर आने वाले यात्रियों ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए इतिहास कायम किया है. ऐसे में लगातार बढ़ रही पर्यटकों की संख्या एक अच्छे संकेत को दर्शा रही है.

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में 11 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा

Rajasthan Assembly Election 2023 राजस्थान में बीपीएमएम आदिवासी बहुल जिले बांसवाड़ा डूंगरपुर प्रतापगढ़ ही नहीं बल्कि उदयपुर और राजसमंद की विधानसभा सीटों पर चुनाव मैदान में उतरेगा। यह सत्ताधारी कांग्रेस के साथा भाजपा और बीटीपी के बाद चौथा विकल्प होगा।

उदयपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान छात्रसंघ चुनाव (Rajasthan Student Union Election) में मिली सफलता के बाद आदिवासी परिवार के राजनीतिक संगठन भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा (Bhil Pradesh Mukti Morcha) ने आगामी विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2023) लड़ने की घोषणा कर दी है। रविवार को बांसवाड़ा जिले के मंदारेश्वर स्थित कबीर आश्रम में आदिवासी परिवार की बैठक हुई। इसमें आगामी विधानसभा चुनाव में सक्रियता को लेकर चर्चा हुई। इसमें आदिवासी परिवार के राष्ट्रीय संरक्षक से लेकर कार्यकर्ता तक शामिल हुए।

पायलट खेमे ने खरगे पर बनाया दबाव, शीघ्र हो राजस्थान के बारे में निर्णय। फाइल फोटो

11 सीटें जीतने का किया दावा

उदयपुर संभाग में आदिवासी जिलों बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले के 20 कालेजों में छात्रसंघ चुनावों में झंडे गाड़ने के बाद भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा के मुख्य संगठक भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा (बीपीएमएम) ने विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार खड़े करने की घोषणा कर दी है। युवा रुझान को देखते हुए आदिवासी परिवार विचारधारा वाले इस संगठन ने एक साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में संभाग की 18 में से 11 सीटें जीतने का दावा भी किया है। बीपीएमएम आदिवासी बहुल जिले बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ ही नहीं, बल्कि उदयपुर और राजसमंद की विधानसभा सीटों पर चुनाव मैदान में उतरेगी। यह सत्ताधारी कांग्रेस के साथा भाजपा और बीटीपी के बाद चौथा विकल्प होगा।

गोविंद डोटासरा बोले, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा रोकने की किसी में हिम्मत नहीं। फाइल फोटो

आदिवासी परिवार ने साल 2018 में बनाई थी बीटीपी और दो विधानसभाओं में जीत दर्ज की थी

आदिवासी परिवार वर्ष 2018 के चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) को अस्थायी विकल्प के तौर पर चुनाव मैदान में लाई थी और दो विधानसभाओं में जीत भी दर्ज की। किन्तु उसके बाद पंचायती राज चुनाव में बीटीपी और आदिवासी परिवार के बीच विवाद हो गया। धरियावद विधानसभा के उपचुनाव में आदिवासी परिवार ने अपना-अलग उम्मीदवार खड़ा कर बीटीपी को पीछे धकेलकर यह साबित कर दिया रुझान 2023 कि असली ताकत आदिवासी परिवार की हैं। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में आदिवासी परिवार यदि अपना उम्मीदवार खड़ा करती है तो यह कांग्रेस व भाजपा के लिए ही नहीं, बल्कि बीटीपी के लिए भी बड़ी चुनौती होंगे। आदिवासी परिवार के राष्ट्रीय संरक्षक मणिलाल गरासिया का कहना है कि अगले विधानसभा चुनाव में डूंगरपुर, चौरासी, सागवाड़ा, आसपुर, प्रतापगढ़ और धरियावद, बांसवाड़ा की घाटोल, गढ़ी, बागीदौरा, उदयपुर के खेरवाड़ा और झाड़ोल फलासिया विधानसभा सीट हर हाल में जीतेंगे। गरासिया का आरोप है कि कांग्रेस और भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टियों ने आदिवासियों का केवल शोषण किया है। आदिवासी प्रदेश के तौर पर मिलने वाले अधिकारों से आदिवासी वंचित है।

पुलिस इंस्पेक्टर को जिंदा जलाने के मामले में पुलिस उप अधीक्षक सहित 30 को उम्र कैद की सजा। फाइल फोटो

2013 में जन्मी आदिवासी परिवार विचारधारा, अलग भील प्रदेश की मांग शुरू की

साल, 2013 में आदिवासियों के तीर्थ मानगढ़ धाम से आदिवासी विचारधारा को आगे बढ़ाया गया। यहां गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान से आदिवासी प्रतिनिधियों ने बैठक कर अलग भील प्रदेश की मांग शुरू कर दीं। राजनीतिक दल के तौर पर रजिस्टर्ड नहीं होने के कारण आदिवासी परिवार ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में बीटीपी को समर्थन दिया और सागवाड़ा और चौरासी विधानसभा पर आदिवासी विचारधारा के उम्मीदवार निर्वाचित हुए। फिलहाल, आदिवासी विचारधारा वाले कुनबे में डूंगरपुर से दो विधायकों के अलावा पांच प्रधान, 15 जिला परिषद सदस्य और बांसवाड़ा तथा डूंगरपुर जिलों में 147 पंचायत समिति सदस्य हैं।

प्रवासियों के लिए गहलोत सरकार जारी करेगी एनआरआर कार्ड, मिलेंगी कई सुविधाएं। फाइल फोटो

30 में से 20 कालेज में जीता भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा

उदयपुर संभाग के 30 में से 20 कालेजों में हुए छात्रसंघ चुनाव में भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा चुनावं जीता है। बांसवाड़ा के दिग्गज नेता और जल संसाधन मंत्री महेंद्र जीत सिंह मालवीया और राज्यमंत्री अर्जुन बामनिया के भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा ने जीत दर्ज कर अपनी ताकत बता दी है।

'राजस्थान कांग्रेस को पहले जोड़ो, भारत बाद में जोड़ लेना', विधायकों के सामूहिक इस्तीफे पर BJP ने कसा तंज

राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के चुनाव को लेकर जयपुर में रविवार शाम 7 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी लेकिन इससे पहले ही कांग्रेस में बगावत की स्थिति बन गई. सीएम अशोक गहलोत समर्थक 82 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया. उनका आरोप है कि नए सीएम के रुझान 2023 चुनाव के लिए उनकी राय ही नहीं ली गई. वहीं गहलोत ने केसी वेणुगोपाल के सामने मौजूदा हालात को संभाल पाने में असमर्थता जता दी है.

शांति धारीवाल के घर पर जुटे विधायकों से इस्तीफा लिया गया (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2022,
  • (अपडेटेड 26 सितंबर 2022, 6:53 AM IST)

राजस्थान में रविवार शाम 7 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी थी, जिसमें प्रदेश के नए सीएम को लेकर चर्चा होनी थी लेकिन बैठक से पहले गहलोत समर्थक 82 विधायकों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस में हुए इस घटनाक्रम के बाद बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने उस पर तंज कसने शुरू कर दिए हैं.

राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष संतोष पूनिया ने ट्वीट करते हुए लिखा- रूझान आने प्रारंभ… ~ जय भाजपा-तय भाजपा ~ #2023. वहीं केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर कहा कि बाड़ेबंदी की सरकार, एक बार फिर बाड़े में जाने को तैयार है. वहीं बीजेपी के केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्विटर पर राहुल गांधी, अशोक गहलोत और सचिन पायलट की एक फोटो शेयर करते हुए लिखा- कृपया पहले इन्हें जोड़ लो.

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक फोटो शेयर कर कांग्रेस पर कसा तंज

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वहीं बीजेपी सांसद दीया कुमार ट्वीट किया- भारत जोड़ने चले थे. राजस्थान तोड़ने पे आ गए. राजस्थान की जनता ने 5 साल कांग्रेस बचाओ के लिए वोट नहीं दिया था! अब रुझान 2023 अंत नजदीक हैं.

कुर्सी बचाने में व्यस्त हैं कांग्रेसी: अरुण सिंह

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने ट्वीट किया- राजस्थान की जनता चार साल से कांग्रेस के नित नए कुर्सी बचाने के ड्रामे को समझ चुकी है. प्रदेश की जनता त्रस्त है, जंगलराज एवं भ्रष्टाचार है, कांग्रेसी कुर्सी बचाने में व्यस्त हैं, सत्ता मोह छोड़ आम जन की चिंता करो.

माकन बूथ स्तरीय समिति के प्रभारी भी बनने लायक नहीं

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट किया- मैंने एक बार कांग्रेस पार्टी नेतृत्व से कहा था कि अजय माकन बूथ स्तरीय समिति के प्रभारी होने के लायक भी नहीं हैं. आज मेरी बात को फिर से सही साबित किया गया है.

दिल्ली- 0
एमपी सीट खो दी
विधायक सीट खो दी
राज्यसभा हारे
राजस्थान 😂 भगवान जाने

उन्होंने अपने एक और ट्वीट में लिखा- भाई! राजस्थान कांग्रेस को जोड़ा पहले, भारत जोड़ो बाद में कर लेना.

शहजाद ने ट्वीट किया- पिछले कुछ घंटों से राजस्थान में जो हो रहा है उसे देखने के बाद 3 चीजें स्पष्ट हैं. 1) राजस्थान को अब इस राजनीतिक अस्थिरता के अधीन नहीं किया जा सकता है. 2) गांधी परिवार के पास बहुत कम विश्वसनीयता या अधिकार बचा है. 3) चुनाव प्रक्रिया के उनका तमाशे का पर्दाफाश हो गया है.

इंदिरा-राजीव ने भी पीएम रहते संभाला था अध्यक्ष पद

बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने ट्वीट किया- इंदिरा गांधी और राजीव गांधी, दोनों ने एक ही समय में प्रधान मंत्री और कांग्रेस रुझान 2023 अध्यक्ष का पद संभाला था. अशोक गहलोत निर्वाचित होने पर कांग्रेस अध्यक्ष होने के साथ-साथ मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. गांधी परिवार और दूसरे कांग्रेसियों के लिए अलग-अलग मानक क्यों होने चाहिए?

कांग्रेस खत्म, केजरीवाल विकल्प: राघव चड्ढा

AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कांग्रेस में विधायकों के सामूहिक इस्तीफे पर ट्वीट किया- कांग्रेस खत्म है… केजरीवाल विकल्प है. वहीं राजस्थान AAP ने ट्वीट किया- राजस्थान में सरकार नहीं, मजाक चल रहा है!

शांति धारीवाल के घर पर इस्तीफा लिया गया

कांग्रेस नेता प्रताप खाचरियावास ने बताया कि हमारी मीटिंग हो गई है. हमारे साथ 92 विधायक हैं, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है. इन विधायकों का कहना है कि नए सीएम के चयन में उनकी राय नहीं ली गई है. इससे वे बेहद नाराज हैं. कांग्रेस नेता शांति धारीवाल के घर पर भी विधायक जुटे थे, यहीं पर सभी से इस्तीफा लिया गया, जिसे स्पीकर को सौंपा जाएगा.

सूत्रों के मुताबिक इस बीच कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अशोक गहलोत को फोन किया और स्थिति संभालने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने कहा कि अब उनके बस में कुछ नहीं है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस्तीफा देने वाले विधायकों की संख्या 82 है. राजस्थान में कांग्रेस के 107 विधायक हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने जा रहे है गहलोत

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं. पहले वह मुख्यमंत्री के साथ ही अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहते थे लेकिन पिछले दिनों राहुल गांधी ने केरल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट कर दिया था कि कांग्रेस एक व्यक्ति एक पद पॉलिसी पर विश्वास रखती है, जिससे यह साफ हो गया कि गहलोत की जगह किसी और को मुख्यमंत्री पद दिया जाएगा.

कांग्रेस के कुछ विधायक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं जबकि ऐसी चर्चा है कि अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के नाम का प्रस्ताव दे दिया था. वहीं आलाकमान ने विधायकों से उनकी राय मांगी थी, जिसको लेकर विधायक दल की बैठक होनी थी लेकिन उससे पहले ही विधायकों ने इस्तीफा दे दिया.

चारधाम यात्रा: 2023 तक श्रद्धालुओं की संख्या पहुंचेगी 80 लाख, पर्यटन में हासिल होगा नया मुकाम

सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन ने विश्व प्रसिद्ध चार धामयात्रा को लेकर नए तथ्य जारी किए हैं. फाउंडेशन की मानें तो 2023 में चारधाम में आने वाले पर्यटकों का आंकड़ा 80 लाख तक पहुंच सकता है.

देहरादूनः हिंदू धर्म के प्रसिद्ध तीर्थस्थान चारधाम में साल दर साल श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है. आगामी वर्षों में यह संख्या और बढ़ सकती है. अब इसको लेकर सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन ने नए तथ्य जारी किए हैं.

फाउंडेशन ने चारधाम और चारधाम से लगते क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों की संख्या पर रुझान जारी किया है, जिसके अनुसार साल 2023 में चारधाम में आने वाले पर्यटकों का आंकड़ा 80 लाख तक पहुंच सकता है, क्योंकि प्रदेश रुझान 2023 में लगातार बढ़ रही पर्यटकों की संख्या अच्छे संकेत दे रही है.

सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज फाउंडेशन द्वारा जारी की गई 'एनालाइजिंग द टूरिस्ट पेटर्न इन चारधाम रीजन ऑफ उत्तराखंड' शीर्षक में यह आंकड़ा केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ और उत्तरकाशी पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या को आधार बनाकर तैयार किया गया है. जिसके अनुसार साल 2020 में चारधाम और चारधाम से लगते क्षेत्रों में 55 लाख पर्यटक पहुंचने की उम्मीद जताई है. इसके साथ ही 2023 में पर्यटकों की संख्या 80 लाख होने की संभावना भी जताई गई है.

उत्तराखंड के केदारघाटी में साल 2013 में आई भीषण आपदा के बाद यूं तो चारधाम आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी जरूर आयी थी, लेकिन साल दर साल धीरे-धीरे पर्यटकों की संख्या बढ़ती चली गई. लिहाजा साल 2019 में चारधाम की यात्रा पर आने वाले यात्रियों ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए इतिहास कायम किया है. ऐसे में लगातार बढ़ रही पर्यटकों की संख्या एक अच्छे संकेत को दर्शा रही है.

वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में महिंद्रा लॉजिस्टिक्स का राजस्व 1,326 करोड़ रुपए, वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही रुझान 2023 की तुलना में 28 फीसदी अधिक, वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में पीएटी 11 करोड़ रुपए पर

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Posted By: Sachin Murdeshwar November 7, 2022

मुंबई, 07 नवंबर, 2022 (GPN)- देश के इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स और मोबिलिटी सॉल्यूशंस प्रोवाइडर्स में से एक महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (एमएलएल) ने 30 सितंबर, 2022 को समाप्त तिमाही और छमाही के लिए अपने अलेखापरीक्षित समेकित वित्तीय परिणामों की घोषणा की।

वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में परफॉर्मेंस- एफवाई 22 की दूसरी तिमाही की तुलना में

  • राजस्व 1,033 करोड़ रुपए की तुलना में 1,326 करोड़ रुपए
  • ईबीआईटीडीए 49 करोड़ रुपए की तुलना में 71 करोड़ रुपए
  • पीबीटी 8 रुझान 2023 करोड़ रुपए की तुलना में 17 करोड़ रुपए
  • पीएटी 5 करोड़ रुपए की तुलना में 11 करोड़ रुपए
  • ईपीएस (डाइल्यूटेड) 0.71 रुपए की तुलना में 1.69 रुपए

एच1 एफवाई22 की तुलना में एच1 एफवाई23 का प्रदर्शन

  • राजस्व 1,916 करोड़ रुपए की तुलना में 2,526 करोड़ रुपए
  • ईबीआईटीडीए 92 करोड़ रुपए की तुलना में 140 करोड़ रुपए
  • पीबीटी 14 करोड़ रुपए की तुलना में 36 करोड़ रुपए
  • पीएटी 8 करोड़ रुपए की तुलना में 25 करोड़ रुपए
  • ईपीएस (डाइल्यूटेड) 1.16 रुपए की तुलना में 3.56 रुपए

एफवाई22 के आंकड़े क्यू1 एफवाई23 में मेरु कंपनियों के अधिग्रहण के बाद बहाल किए गए हैं।

  • ऑटोमोटिव उद्योग में निरंतर सुधार और दूरसंचार सहित उपभोग बाजारों में निरंतर वृद्धि के कारण तिमाही में वृद्धि
  • बी2बी एक्सप्रेस और लास्ट माइल डिलीवरी (डेल सहित) सेवाओं में स्थिर वृद्धि
  • मोबिलिटी बिजनेस हालांकि पूर्व-कोविड स्तरों पर वापस नहीं आया, लेकिन परिचालन दक्षता में सुधार जारी है
  • तिमाही में हमने नासिक, भिवंडी और लुहारी जैसे स्थानों में गोदामों के लिए 1 मिलियन वर्ग फुट से अधिक जगह हासिल की है

कंपनी की परफॉर्मेंस पर टिप्पणी करते हुए महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ श्री रामप्रवीन स्वामीनाथन ने कहा,

‘‘हमने वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में अपनी विकास गति को 28 प्रतिशत सालाना वृद्धि के साथ जारी रखा। ऑटो रिकवरी और अन्य क्षेत्रों में निरंतर ऑर्गेनिक ग्रोथ वॉल्यूम में वृद्धि के कारण व्यवसाय की मात्रा में वृद्धि का दौर कायम है। 3पीएल कॉन्ट्रैक्ट लॉजिस्टिक्स के अलावा, हमने लास्ट माइल और बी2बी एक्सप्रेस में निवेश करना जारी रखा, जिसने मजबूत विकास गति को बनाए रखने मंे मदद की है। तिमाही के दौरान हमने मुद्रास्फीति का व्यापक प्रभाव भी महसूस किया है। साथ ही, फ्रंट लाइन मैनपावर कॉस्ट्स में वृद्धि और ट्रेलरों और कार वाहकों की आपूर्ति में कमी भी दर्ज की। अल्पकालिक परिचालन वातावरण में वैश्विक मंदी के रुझान, मूल्य अस्थिरता और समग्र मुद्रास्फीति की विशेषता बनी हुई है, दूसरी तरफ हम अपने और अपने ग्राहकों के लिए संचालन में अनुकूलन करना जारी रखते हैं। हमें यकीन है कि हाल ही में घोषित नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी इस सेक्टर में सुधारों की गति को आगे बढ़ाने में सहायक होगी और डिजिटलीकरण, मल्टी मॉडल लॉजिस्टक्स और लॉजिस्टक्स की कम लागत की दिशा में भी मददगार साबित होगी।’’

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Sachin Murdeshwar

Sachin Murdeshwar is a Sr.Journalist and Columnist in several Mainline Newspapers and Portals.He is an ardent traveller and likes to explore destinations to the core.

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