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बैंक पूंजी

बैंक पूंजी
क्रेडिट जमा अनुपात (सीडी)
क्रेडिट जमा अनुपात यानी क्रेडिट डिपोजिट रेशियो एक और अहम वित्तीय अनुपात है, जो बैंक की वित्तीय सेहत और स्थिरता दर्शाता है. यह अनुपात ऋण बैंक पूंजी देने के उद्देश्यों के लिए बैंक द्वारा उपयोग किए जाने वाले कोर फंडों की मात्रा को दर्शाता है. भले ही बैंक पूंजी आरबीआई ने इस अनुपात का कोई अधिकतम या न्यूनतम स्तर निर्धारित नहीं किया है, मगर इस अनुपात का कम होना दर्शाता है कि अपने संसाधानों को पर्याप्त रूप से नहीं जुटा रहा है.

पूंजी पर्याप्तता अनुपात?

सरकारी बैंकों को चौथी तिमाही में मिल सकती है पूंजी, अगली तिमाही में होगी समीक्षा

Government Bank Capital Infusion News: चालू वित्त वर्ष में अब तक सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 12 बैंकों (public sector banks) ने प्रॉफिट कमाया है.

केंद्र सरकार ने अप्रैल में चार सरकारी बैंकों में 14,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का फैसला लिया था. (pti)

Government Bank Capital Infusion News: सरकार नियामकीय जरूरतों को पूरा करने के लिए चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Government Banks) में पूंजी डाल सकती है. सरकार ने 2021-22 के बजट में सरकारी बैंकों में पूंजी डालने के लिए 20,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. पीटीआई की खबर के बैंक पूंजी बैंक पूंजी मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की अगली तिमाही में बैंकों की बैंक पूंजी पूंजी की स्थिति की समीक्षा की जाएगी और जरूरत के आधार पर नियामकीय जरूरतों को पूरा करने के लिए निवेश किया जाएगा.

अपने बैंक की सुरक्षा मापने के लिए इन वित्तीय मानकों को जरूर देखें

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दुर्भाग्य से बीते कुछ सालों में ऐसे कई मौके आए हैं, जब आरबीआई को किसी नामी बैंकों पर मोराटोरियम लगाते हुए निकासी की राशि को सीमित करना पड़ा है.

जहां एक तरफ केंद्रीय बैंक लगातार आम जनता के हितों की रक्षा कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ इस तरह के प्रतिबंध खाताधारकों के लिए कठिनाइयां और चुनौतियां पैदा कर सकते हैं, खासतौर पर यदि आपकी बड़ी धनराशि बैंक में जमा या फिर आप अपने खाते से ऋण की मासिक किस्त, बिल भुगतान जैसे अहम वित्तीय लेन-देन ऑटोमेटिक माध्यम से करते हैं.

हालिया घटनाक्रम ने आपके लिए बैंक पूंजी अपनी बैंक की वित्तीय सेहत मापना जरूरी बना दिया है और चुनिंदा जरूरी अनुपात (रेशियो) व मानकों को समझना आपको बैंक के भविष्य की सुरक्षा के बारे में काफी कुछ बता सकता है.

साइबर अपराध: बिना पिन और कार्ड नंबर जाने बैंक खाते से जमा पूंजी उड़ा रहे जालसाज

न एटीएम नंबर और न पिन नंबर। मगर साइबर अपराधी आपके खाते से गाढ़ी कमाई की रकम उड़ा सकते हैं। यह जानकार आप परेशान हो सकते हैं, लेकिन हकीकत है। ऐसा कई लोगों के साथ हो चुका है, जिन्होंने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। साइबर शातिर अब ठगी करने के लिए ऐसा ही कुछ नया तरीका अपना रहे हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि आखिरकार उन्हें गोपनीय जानकारी बैंक पूंजी कहां से मिल रही है, इस बारे में कोई भी कुछ नहीं बता पा रहा है। पुलिसकर्मी भी यह जानकार परेशान हैं।

बैंक से लेकर साइबर थाने की पुलिस भी लगातार लोगों को जागरूक कर रही है कि लोग अपना खाता नंबर, एटीएम कार्ड नंबर जैसी दूसरी जानकारी किसी को साझा न करें। इसके बावजूद ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं। पुलिस का मानना है कि कई बार एटीएम से पैसा निकालते वक्त बूथ में शातिर युवक खड़े रहते हैं, जो कार्ड स्वाइप करते हुए देख लेते हैं। लेकिन पैसा निकालने के लिए कार्ड की आवश्यकता पड़ती है। फिर भी ऐसी दशा में अपराधी बैंक खाते से किस तकनीक के जरिए पैसा गायब करते हैं, यह पता लगाना आसान नहीं है। बैक जैसे सुरक्षित स्थान से पैसे की निकासी से ग्राहकों की नींद उड़ी हुई है।

Banks : कर्ज की मांग पूरा करने के लिए बॉन्ड से रकम जुटाएंगे बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया समेत कई बैंक हैं शामिल

यूनियन बैंक

अगले कुछ हफ्तों में बैंक बॉन्ड के जरिए फंड जुटाने के लिए तैयार हैं, ताकि यील्ड में गिरावट का फायदा उठाया जा सके। साथ ही कर्ज मांग में तेजी के बीच पूंजी की जरूरतों बैंक पूंजी को पूरा किया जा सके। बैंक ऑफ इंडिया टियर-1 बॉन्ड से इस माह के अंत तक 15 अरब रुपये जुटाने की योजना बना रहा है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने टियर- 2 बॉन्ड के माध्यम से 22 अरब रुपये तक जुटाने की योजना बनाई है। जम्मू और कश्मीर बैंक भी बैंक पूंजी टियर- 2 बॉन्ड से 15 अरब रुपये जुटाने की तैयारी में है। बढ़ती क्रेडिट मांग को पूरा करने के लिए बैंक बॉन्ड के रूप में अतिरिक्त पूंजी जुटा रहे हैं ताकि उनकी बैलेंस शीट का आकार बढ़ाया जा सके।

विस्तार

अगले कुछ हफ्तों में बैंक बॉन्ड के जरिए फंड जुटाने के लिए तैयार हैं, ताकि यील्ड में गिरावट का फायदा उठाया जा सके। साथ ही कर्ज मांग में तेजी के बीच पूंजी की जरूरतों को पूरा किया जा सके। बैंक ऑफ इंडिया टियर-1 बॉन्ड से इस माह के अंत तक 15 अरब रुपये जुटाने की योजना बना रहा है। यूनियन बैंक ऑफ बैंक पूंजी इंडिया ने टियर- 2 बॉन्ड के माध्यम से 22 अरब रुपये तक जुटाने की योजना बनाई है। जम्मू और कश्मीर बैंक भी टियर- 2 बॉन्ड से 15 अरब रुपये जुटाने की तैयारी में है। बढ़ती क्रेडिट मांग को पूरा करने बैंक पूंजी के लिए बैंक बॉन्ड के रूप में अतिरिक्त पूंजी जुटा बैंक पूंजी रहे हैं ताकि उनकी बैलेंस शीट का आकार बढ़ाया जा सके।

कोटक भी लाइन में
कोटक महिंद्रा बैंक की 7 साल के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड के जरिए 15 अरब रुपये जुटाने की योजना है। एसबीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड से 100 अरब जुटाने पर भी विचार कर रहा है। विश्लेषकों ने कहा, इस तरह के बॉन्ड में निवेश करने और पिछले कुछ वर्षों में ब्याज दरों की तुलना में ज्यादा कमाई का अवसर है।

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