फाइनेंस कितने प्रकार का होता है?

फाइनेंस कंपनी कैसे शुरू करे | How To Open Finance Company In Hindi
How To Open Finance Company In Hindi-भारत एक उभरता हुआ बाजार है जो कि उधमिता और निवेश के लिए आदर्श स्थिति प्रदान करता है। भारत के अंदर वित्तिय यानी कि फाइनेंस सेक्टर तेजी से विकास की और बढ़ रहा है, और जो कि अवसरों को खोलता जा रहा है।
फाइनेंस क्षेत्र लगभग 8 प्रतिशत प्रति वर्ष की तेजी से आगे बढ़ रहा है, जो कि एक बहुत अच्छा संकेत है। अगर आप अपनी खुद की फाइनेंस कंपनी खोलना चाहते हो तो यह बिल्कुल सही समय है।
आज हम आपको पूरी प्रकिर्या बताएंगे कि आप एक फाइनेंस कंपनी कैसे शुरू करे | ।
फाइनेंस कंपनी क्या है?
एक फाइनेंस कंपनी बैंक से बहुत अलग होती है, एक फाइनेंस कंपनी ग्राहकों को लोन प्रदान करती है जिससे बदले में उनसे कुछ ब्याज भी लेती है।
एक फाइनेंस कंपनी ग्राहकों से कुछ सामान जैसे कि सोना, घर इत्यादि को गिरवी रख कर लोन प्रदान करती है।
एक फाइनेंस कंपनी मूल रूप से उन लोगो की सेवा करती है जो मुख्यधारा से बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं तक नही पोहच पाते है। एक फाइनेंस कंपनी मूल रूप से लोगो की मदद करती है, और उनकी जरूरतों को पूरा करती है।
फाइनेंस कंपनियां क्या करती हैं?
व्यवसाय शुरू करने से पहले, यह अच्छी तरह समझ लें कि फाइनेंस कंपनियां वास्तव में क्या करती हैं। कुछ फाइनेंस कंपनियां उपभोक्ताओं को उधार देती हैं, और कुछ कंपनी व्यवसायों को उधर देती हैं। । फाइनेंस कंपनियां बैंकों की तुलना में अलग संस्थाएं हैं क्योंकि वे जनता से जमा नहीं लेती हैं और सख्त बैंकिंग नियमों के अधीन नहीं हैं।
वित्त कंपनी का प्राथमिक उद्देश्य (Primary objective of Finance Company)
वित्त कंपनियां वे कंपनियां हैं जो अपने ग्राहकों को उधार देती हैं, जबकि कुछ व्यवसायों को ऋण देती हैं या ग्राहकों को निर्मित उत्पादों की बिक्री का वित्तपोषण करती हैं। वित्त कंपनियां बैंक की पूरक हैं लेकिन बैंकों की तुलना में अलग संस्थाएं हैं क्योंकि जनता से जमा वित्त कंपनियों द्वारा नहीं लिया जाता है और साथ ही कंपनियां सख्त बैंकिंग नियमों के अधीन नहीं होती हैं।
वित्त कंपनियां उन संपत्तियों के मूल्य पर ऋण का आधार बनाती हैं जो उधारकर्ता सुरक्षा के रूप में प्रदान करते हैं। धन कंपनी या मूल निगमों के स्वयं के उधार के माध्यम से उधार देने के लिए प्राप्त किया जाता है।
फाइनेंस कंपनी कैसे शुरू करे | How To Open Finance Company In Hindi
Table of Contents
1. बिज़नेस प्रकार चुने
फाइनेंस कंपनी शुरू करने से पहले बिज़नेस का प्रकार चुने देखे की आप किस तरह की कंपनी खोलना चाहते हो, एक फाइनेंस कंपनी के बहुत सारे प्रकार होते है।
फाइनेंस कंपनी के प्रकार।
अगर आप नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी की शुरुआत करना चाहते हो तो आपको इस कंपनी को रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया न्यूनतम 2 करोड़ से 5 करोड़ पूंजी की अनुमति देता है, आरबीआई लाइसेंस लेने में और बाकी प्रकिर्या पूरा करना में 5 से 6 महीने का समय लगता है।
अगर आप छोटे स्तर पर फाइनेंस कंपनी की शुरुआत करना चाहते हो तो क्रेडिट कोऑपरेटिव कंपनी आपके लिए सबसे अच्छी है।
क्रेडिट कोऑपरेटिव कंपनी छोटे स्तर यानी कि शहर के अंदर डील करती है।
निधि कंपनी एक पूरी तरह से अलग बिज़नेस मॉडल है जिसके लिए आपको कोई भी अलग लाईसेंस लेने की आवश्यकता नही होती है।
निधि कंपनी 5 लाख की पूंजी के साथ लॉच होगी और इसमें पंजीकरण के लिए 15 से 20 दिन का समय लगता है।
माइक्रो फाइनेंस कंपनी के लिए भी आपको आरबीआई से लाइसेंस लेने की आवश्यकता होती है, माइक्रो फाइनेंस कंपनी की आप 5 करोड़ पूंजी के साथ शुरू कर सकते हो।
निर्माता कंपनी पूर्ण रूप से फाइनेंस कंपनी नही है बल्कि यह किसानों के लिए एक उपयोगी अवधारणा है। निर्माता कंपनी की शुरुआत करने के लिए आपको कम से कम 10 व्यक्ति की आवश्यकता है।
लोकल फाइनेंस कंपनी वह कंपनी होती है जो कि उच्च ब्याज दर पर धनराशि प्रदान करती है। इस बिज़नेस की शुरुआत करने के लिए आपको अपने राज्य और शहर के नियम और कानून के हिसाब से रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
2. जीएसटी के लिए आवदेन करे
एक फाइनेंस कंपनी के लिए जीएसटी के लिए आवदेन करना बहुत ही आवश्यक होता है, इसीलिए जीएसटी नंबर कर लिए आवदेन करे।
3. लीगल डॉक्यूमेंट ले
एक फाइनेंस कंपनी शुरू करने के बहुत सारी दस्तावेज की आवश्यकता पड़ती है, आप अपने आस पास के वकील से परामर्श कर सकते हो और आवश्यकताओ के अनुसार कानूनी दस्तावेज तैयार कर सकते हो।
4. इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी प्राप्त करे
इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी यानी कि बौद्धिक संपदा प्राप्त करना करना बहुत ही आवश्यक होता है ताकि आपसे से जुड़ी जानकारी जैसे आपका नाम इत्यादि को कॉपी ना कर सके।
5. लाइसेंस प्राप्त करे
एक फाइनेंस कंपनी को कोई भी सेवा प्रदान करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है, इसीलिए एक कंपनी के लिए लाइसेंस लेना बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है।
माइक्रो फाइनेंस कंपनी खोलने के लिए पंजीकरण शुल्क क्या है?
माइक्रोफाइनेंस कंपनी के लिए प्रारंभिक पंजीकरण शुल्क रु . 1,90,000 / – है।
भारत में माइक्रो फाइनेंस की शुरुआत कब हुई?
भारत में माइक्रो फाइनेंस कंपनी की शुरुआत 1970 में हुई थी
माइक्रो फाइनेंस क्या हैं?
माइक्रो फाइनेंस एक वित्तीय सेवा है जो उद्यमियों और छोटे व्यवसाय मालिकों को ऋण, बचत और बीमा देती है, जिनके पास बैंकों या निवेशकों जैसे पूंजी के पारंपरिक स्रोतों तक पहुंच नहीं है।
Home Loan कितने सालों का होना चाहिए? अपनी उम्र के आधार पर लें फैसला और साथ में इन बातों का रखें विशेष ध्यान
अगर आप करियर के शुरुआत में हैं तो लंबी अवधि के लिए होम लोन उपयुक्त माना जाता है. ईएमआई कम रहती है और वक्त के साथ आपकी कमाई बढ़ती है जिसके कारण किसी तरह की वित्तीय परेशानी से बचते हैं.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: संजीत कुमार
Updated on: Jan 11, 2022 | 7:10 AM
Home Loan: इस समय होम लोन (Home Loan) पर इंट्रेस्ट रेट काफी कम है जो सालों के न्यूनतम स्तर पर है. फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स घर खरीदने के साथ-साथ निवेश के लिहाज से भी इसे उपयुक्त समय मान रहे हैं. जैसा कि हम जानते हैं होम लोन कर्ज के पहाड़ की तरह होता है जिसे सालों-साल तक चुकाना पड़ता है. ऐसे में जब आप होम लोन की मदद से अपने लिए घर खरीदने का फैसला करते हैं तो कई फैक्टर्स पर ध्यान देने की जरूरत होती है. लोन का अमाउंट (Loan Amount) कितना होगा, इंट्रेस्ट रेट कितना है, ईएमआई (EMI) कितनी होगी और यह कितने सालों तक चुकानी होगी.
अमूमन होम लोन की अवधि 5-30 सालों की होती है. अगर होम लोन 20 या उससे अधिक 30 सालों का होगा तो EMI कम होगी. वहीं, लोन की अवधि कम होगी तो ईएमआई ज्यादा होगी. हालांकि, इसमें इंट्रेस्ट का भुगतान कम करना होगा. ऐसे में यह जानना कि आपके लिए कितने सालों का होम लोन उपयुक्त है, कंफ्यूजिंग होता है. हालांकि, इसकी जानकारी भी जरूरी है. होम लोन को लेकर इस तरह का कोई फैसला करने से पहले इन चार बातों को ध्यान में रखें.
उम्र के आधार पर करें लोन अवधि का फैसला
अगर आप करियर के शुरुआत में हैं तो लंबी अवधि के लिए होम लोन उपयुक्त माना जाता है. ईएमआई कम रहती है और वक्त के साथ आपकी कमाई बढ़ती है जिसके कारण किसी तरह की वित्तीय परेशानी से बचते हैं. वहीं आपकी उम्र अगर 40 साल या इससे अधिक है तो कम अवधि वाला होम लोन फायदेमंद माना जाता है. टेन्योर कम रखने से बैंक भी आसानी से लोन देगा और ढलती उम्र के साथ यह जरूरी है कि आप रिटायरमेंट से पहले तक सभी वित्तीय जिम्मेदारियों को पूरा कर लें. बैंक अधिकतम आपकी रिटायरमेंट उम्र तक का लोन उपलब्ध करा सकता है. मान लीजिए की आपकी उम्र 28 साल है तो होम लोन का मैक्सिमम टेन्योर 32 साल तक का हो सकता है.
लोन अमाउंट कितना है?
अगर आपको लोन अमाउंट ज्यादा होगा तो EMI भी ज्यादा होगी. ऐसे में उतना ही लोन लें जितना आपकी वर्तमान इनकम है. भविष्य में होने वाली किसी तरह की इनकम के आधार पर वर्तमान में कर्ज लेने से बचें. अगर लोन अमाउंट आपकी वर्तमान सालाना इनकम से 2-3 गुना तक है तो लोन की अवधि को कम रखें. अगर लोन अमाउंट आपकी इनकम के मुकाबले बहुत ज्यादा है तो रीपेमेंट के लिए लंबी अवधि का चुनाव करें.
क्या कोई कर्ज पहले से भी है?
होम लोन लेते समय इस बात को भी ध्यान में रखें कि आप पर किसी और तरह का कर्ज तो नहीं है, जैसे पर्सनल लोन, कार लोन, क्रेडिट कार्ड बिल, गोल्ड लोन. अगर आप पर पहले से कर्ज है तो दो काम कर सकते हैं. पहला काम इन कर्ज को जल्द चुकाएं जिससे होम लोन में कई तरह के लाभ मिलेंगे. आपको इंट्रेस्ट रेट में रियायत मिलेगी, लोन टेन्योर का चुनाव सही फाइनेंस कितने प्रकार का होता है? तरीके से कर पाएंगे. दूसरा विकल्प ये है कि पुराने कर्ज के साथ-साथ लंबी अवधि वाला होम लोन लें जिससे कि आप वित्तीय दबाव में ना रहें.
फाइनल फैसले से पहले इन बातों को ध्यान में रखें
इन महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखते हुए अपने लिए होम लोन का फैसला करें. जब आप होम लोन ले लेते हैं तो रीपेमेंट में डिफॉल्ट होने की कोशिश नहीं करें. होम लोन से पहले अपनी वर्तमान इनकम, फ्यूचर इनकम, वर्तमान के खर्च, फ्यूचर में संभावित खर्ज, इमरजेंसी सिचुएशन को ध्यान में रखते हुए ही लोन अमाउंट और ईएमआई के बारे में फैसला लें. जैसा कि हम जानते है होम लोन पर टैक्स में भारी छूट मिलती है. ऐसे में टैक्स सेविंग पर्पस को भी ध्यान में रखें.
Bajaj Card EMI क्या है व ये कैसे बनाये हिंदी में जानकारी
यह आर्टिकल Bajaj Card EMI के बारे में है जिसमे हम आपको आज बतायेगे की बजाज ईएमआई क्या होता है और यह किसलिए बनाया जाता है व ये बनाने पर आपको क्या क्या फायदे हो सकते है इन सब के बारे में आपको आज हम जानकारी देने वाले है जिससे की आप भी बहुत ही आसानी से अपना ईएमआई कार्ड बनवा सकते है.
आज भारत के सभी युवा इसके लिए आवेदन कर सकते है व इससे आपको कई अलग अलग तरीके के फायदे भी मिलते है जिसके कारण आज लाखो लोग इसका इस्तमाल करते है व Bajaj Card का सबसे बड़ा फायदा ये होता है की इससे आप कोई भी सामान बहुत ही आसानी से ईएमआई पर खरीद सकते है व सामान की रकम को किस्तों में चूका सकते है इससे सभी लोगो को महंगे सामान खरीदने का मौका मिल जाता है.
Bajaj Card EMI क्या है
बजाज ईएमआई pre approved loan होता है इसके माध्यम से आप किसी भी प्रकार प्रोडक्ट जैसे इलेक्ट्रॉनिक, मोबाइल, appliances, फर्नीचर, gym membership,कपडे आदि कई अलग अलग प्रकार के सामान को आसान किस्तों में खरीद सकते है इसकी किस्ते 3, 6, 9, 12 माह तक की होती है.
कई लोगो के पास किसी महंगे सामान को खरीदने के लिए इतने पैसे नहीं होती की एक साथ इतने पैसे देकर लोग वो सामान खरीद सके ऐसे में अगर आपके पास बजाज कार्ड है तो आप उस सामान को बजाज ईएमआई पर खरीद सकते है और इससे आपको एक साथ उस सामान के पैसे नहीं देने होते आप आसान किस्तों में उसकी राशि चूका सकते है व इसमें आपको किसी प्रकार का interest भी नहीं देना होता.
बजाज ईएमआई पर आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार से सामान खरीद सकते है इसकी क़िस्त की राशि प्रतिमाह 2 तारीख को सीधे आपके बैंक खाते से काटी फाइनेंस कितने प्रकार का होता है? जाती है अगर आप समय पर ईएमआई नहीं भर पाते तो ऐसे में कंपनी अपने late payment करने का चार्ज लेती है.
Bajaj EMI Card कितने प्रकार का होता है
कई लोगो को इसके बारे में जानकारी नहीं होती की बजाज में कितने प्रकार के ईएमआई कार्ड होते है तो इसके बारे में हम आपको बता देते है ये दो प्रकार के कार्ड होते है.
- Gold Card – इसको बनाने के लिए आपको 412 रुपये pay करने पड़ते है.
- Titanium Card – इसको बनाने के लिए आपको 884 रुपये pay करने पड़ते है.
बजाज ईएमआई कार्ड बनाने के लिए योग्यता
अगर आप अपना बजाज ईएमआई कार्ड बनाना चाहते है तो इसके लिए आपके पास कुछ दस्तावेज होने जरुरी है तभी आप अपना ईएमआई कार्ड बना सकते है.
- इसमें आवेदन करने के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 18 वर्ष होनी जरुरी है.
- आपके पास आधार कार्ड और पैन कार्ड होना जरुरी है.
- आपका बैंक में खाता होना जरुरी है जिससे आप लेनदेन भी करते है.
- आपका CIBIL Score Record अच्छा होना जरुरी है.
- आपके पास एक cancel चेक होना जरुरी है.
- आपके पास आपका नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो होना जरुरी है.
Bajaj Finserv EMI Card कैसे बनाये
अगर आप नया बजाज कार्ड बनाना चाहते है तो बहुत ही आसानी से बना सकते है इसके लिए आप दो अलग अलग तरीके से आवेदन कर सकते है हम आपको दोनों तरीके द्वारा आवेदन करने के बारे में बता रहे है.
ऑनलाइन बजाज कार्ड के लिए आवेदन
ऑनलाइन आवेदन सिर्फ बजाज यूजर ही कर सकते है जिन्होंने पहले से बजाज कार्ड के लिए आवेदन किया हुआ हो या बजाज पर कोई सामान ख़रीदा हो वो लोग ऑनलाइन इसके लिए आवेदन कर सकते है इसके लिए आपको 399 pay करने होते है व उसके बाद आपको 2 सप्ताह में बजाज कार्ड प्राप्त हो जाता है.
ऑफलाइन बजाज कार्ड के लिए आवेदन
भारत में आज लगभग 950+ शहरों और उनके 43000+ ब्रांच के होने के कारण अब आप बहुत ही आसानी से इसके लिए आवेदन कर सकते है इसके लिए आपको किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सामन विक्रेता ( जो बजाज ईएमआई पर सामान दे ) वहां जानकारी आपको कोई भी सामान खरीदना है उसके बाद आपको बजाज कार्ड पर सामान लेना है इसके लिए आपको ऊपर बताये दस्तावेज उस विक्रेता को दिखने होते है उसके बाद वो आपको बजाज कार्ड बना के देता है.
बजाज कार्ड बनाने के फायदे
अगर आप बजाज कार्ड बनाते है तो इससे आपको कई अलग अलग प्रकार के फायदे होते है जिसके बारे में हम आपको बता रहे है.
- इससे आप किसी भी प्रकार का सामान ईएमआई पर खरीद सकते है.
- इससे आप कोई भी महँगा सामान बहुत ही आसान किस्तों में खरीद सकते है.
- इसमें आपको किसी भी प्रकार का इंटरेस्ट भी नहीं देना होता.
- इसके द्वारा आप पर्सनल लोन भी प्राप्त कर सकते है.
- इससे आप ट्रेवल्स लोन भी ले सकते है.
इसके आलावा भी अगर आप बजाज कार्ड बनाते है तो इससे आपको कई अलग अलग प्रकार के फायदे होते है.
Calculation – इस आर्टिकल में हमने आपको Bajaj Card EMI कैसे बनाते है व इसके फायदे क्या क्या होते है इसके बारे में जानकारी दी है हमे उम्मीद है की आपको इसके बारे में बताई जानकारी उपयोगी लगी होगी अगर आप इससे संबधित किसी प्रकार का सवाल पूछना चाहते है तो आप हमे कमेंट भी कर सकते है व जानकारी उपयोगी लगे तो इसको अपने मित्रो के साथ share भी जरूर करें.
बैंक लोन लेने में किन 5 बुनियादी बातों का रखें ध्यान?
बैंक लोन हमारे जीवन को आसान बनाता है, लेकिन हमें लोन लेते वक्त सावधानी बरतने की जरूरत है.
देश में ऑनलाइन लैंडिंग प्लेट्फ़ॉर्म की संख्या भी तेजी से बढ़ी है. इससे बैंक से कर्ज (Loan) लेना आसान हो गया है. आसानी से कर्ज मिलने की वजह से लोग अपने जीवन में वित्तीय प्रबंधन कर रहे हैं.
बैंक लोन (Loan) से जुड़ी हम पांच ऐसी बातें बता रहे हैं, जिनका लोन लेते वक्त ध्यान रखना चाहिए:
1. ब्याज दरें: फिक्स्ड या वेरिएबल
फिक्स्ड ब्याज दर वाले बैंक लोन (Bank Loan) के मामले में कर्ज की पूरी अवधि तक ब्याज दरें एक ही रहती हैं. वेरिएबल ब्याज दरों वाले बैंक लोन (Bank Loan) में इंटरेस्ट रेट्स मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स (MCLR) से जुड़ी होती हैं और इनमें बदलाव होता रहता है.
मौजूदा समय में ब्याज की कम दरों के माहौल को देखते हुए वेरिएबल रेट्स में फायदा आपको तब होता है, जब ब्याज दरें और कम हो जायें. जब आप देख रहे हों कि ब्याज दरों में वृद्धि की आशंका है, तब आपको तुरंत फिक्स्ड ब्याज दर वाले रेट में शिफ्ट हो जाना चाहिए.
फिक्स्ड टू वेरिएबल रिजीम में शिफ्ट होना इतना आसान नहीं है. इसमें कुछ खर्च जुड़े होते हैं.
2. समय से पहले बैंक लोन (Bank Loan) चुकाना या पार्ट पेमेंट चार्ज
आप किसी बैंक लोन (Bank Loan) को उसकी तय अवधि से पहले चुका सकते हैं. पार्ट पेमेंट के मामले में आप लोन की बकाया रकम का एक हिस्सा चुकाते हैं.
बैंक लोन (Bank Loan) लेते वक्त अधिकतर व्यक्ति को यह अंदाजा नहीं होता कि वे समय से पहले लोन चुका सकते हैं या नहीं. सच यह है कि 50 फीसदी से अधिक लोग इस संभावना की तलाश लोन की अवधि के बीच में ही करते हैं.
आप यह ध्यान रखें कि आप बैंक लोन (Bank Loan) को समय से पहले चुकाने से संबंधित सभी नियम एवं शर्त से अवगत हैं. अगर बैंक लोन (Bank Loan) समय से पहले चुकाने में कोई चार्ज लग रहा हो तो आप इससे बचने के रास्ते निकाल लें.
कुछ बैंक लोन (Bank Loan) में एक साल से पहले इसके पार्ट या प्री पेमेंट की इजाजत नहीं होती.
3. मॉर्गेज लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम
जब आप कोई बड़ा बैंक (Bank Loan) लोन लेते हैं तो उस मामले में सबसे बुरी स्थिति की कल्पना करें. अगर बैंक लोन (Bank Loan) लेने वाले व्यक्ति की अचानक मौत हो जाती है तो उसके परिवार पर एक बड़ा बोझ आ जायेगा.
मॉर्गेज लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम जैसी बीमा पॉलिसी से आपके परिवार का ना सिर्फ बोझ घटेगा, बल्कि बैंक लोन (Bank Loan) की बाकी रकम भी बीमा कंपनी चुकाएगी. इससे आपके परिवार का भविष्य सुरक्षित बन सकेगा. इसे आप एक बोझ की तरह नहीं बल्कि मदद की तरह लें.
4. ब्याज बचत स्कीम
बहुत से बैंक मॉर्गेज लोन के साथ फ्लेक्सी स्कीम देते हैं. इसमें आप लोन की रकम चुकाने की जगह अतिरिक्त रकम को बैंक में सेविंग/करंट एकाउंट में जमा कर सकते हैं. यह एकाउंट आपके होम लोन एकाउंट से जुड़ा होता है.
ब्याज की गणना करते वक्त लोन देने वाला बैंक आपके खाते में जमा रकम फाइनेंस कितने प्रकार का होता है? पर ब्याज नहीं जोड़ता और सिर्फ बकाया मूलधन पर ही ब्याज जोड़ता है, जिससे आप पर बैंक लोन (Bank Loan) का बोझ कम होता चला जाता है. आप अपने खाते में फाइनेंस कितने प्रकार का होता है? जमा रकम को अपनी जरूरत के हिसाब से निकाल भी सकते हैं.
5. सही समय पर बैलेंस ट्रांसफर
अगर आपने हाल में कोई लोन लिया है तो आप बैंक से संपर्क कर लोन पर ब्याज दरें कम करने की गुजारिश कर सकते हैं.अगर आपका बैंक इस पर सहमत नहीं होता तो आप दूसरे बैंक के साथ बैलेंस ट्रांसफर पर विचार कर सकते हैं. इसमें हालांकि आपको कुछ चार्ज देना पड़ सकता है.
बैंक लोन (Bank Loan) लेने से पहले सभी नियम एवं शर्त को ध्यान से पढ़ें. लोन की शर्त को समझे बिना इस प्रक्रिया में तेजी ना दिखाएँ.
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