मुक्त व्यापार क्षेत्र

मुक्त व्यापार क्षेत्र
नई दिल्ली. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने से द्विपक्षीय व्यापार को अगले पांच साल में 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही लाखों की संख्या में रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा. गोयल ने भारत और यूएई के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद संवाददाताओं से कहा कि व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता मई में प्रभावी हो सकता है और पहले दिन से ही भारतीय हित से जुड़े करीब 90 फीसदी उत्पादों के लिये यूएई को निर्यात का रास्ता खुल जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबु धाबी के शहजादा शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की ऑनलाइन शिखर वार्ता के दौरान व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये गये. समझौते पर भारत की तरफ से गोयल और यूएई के अर्थव्यवस्था मामलों के मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मर्री ने हस्ताक्षर किये. दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत बनाने को लेकर रूपरेखा भी जारी की. मुक्त व्यापार समझौते से भारत और संयुक्त अरब अमीरात की कंपनियों को महत्वपूर्ण लाभ मिलेंगे. इसमें बेहतर बाजार पहुंच और कम शुल्क दरें शामिल हैं. इस एफटीए से अगले पांच साल में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार मौजूदा 60 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर पहुंच जाने की उम्मीद है.
भारत और यूएई ने व्यापार समझौते के लिये औपचारिक बातचीत पिछले साल सितंबर में शुरू की थी. कुल 881 पेज के समझौते को रिकॉर्ड 88 दिनों में ही पूरा कर लिया गया. गोयल ने कहा कि यह व्यापक और सतंतुलित व्यापार समझौता है. मंत्री ने कहा, यह एक नया उल्लेखनीय समझौता है जिसका लाभ दवा उद्योग को पहली बार मिला है. यह यूएई में हमारे उत्पादों के लिए दरवाजे खोलेगा, व्यापार केंद्र की वजह से यूएई पश्चिम एशिया के अन्य देशों और पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के के लिये द्वार है.
इस समझौते से कपड़ा, हथकरघा, रत्न और आभूषण, चमड़ा और जूता-चप्पल जैसे श्रम गहन क्षेत्रों में 10 लाख नौकरियों के अवसर बनेंगे. दवा क्षेत्र के बारे में गोयल ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात ने सहमति व्यक्त की है कि यूरोपीय संघ, ब्रिटेन, कनाडा या ऑस्ट्रेलिया द्वारा अनुमोदित भारत में बने चिकित्सा उत्पादों को आवेदन जमा करने के 90 दिनों के भीतर बाजार पहुंच और नियामकीय मंजूरी प्राप्त होगी. आपको बता दें यूएई भारतीय आभूषणों पर शुल्क समाप्त करने पर सहमत हो गया है, वहीं भारत 200 टन तक सोने के आयात पर शुल्क में छूट देगा. भारतीय सेवा क्षेत्र के लाभ के बारे में उन्होंने कहा कि समझौते से सेवाओं से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों की आसान बाजार पहुंच होगी.
संयुक्त अरब अमीरात के निवेशकों को होने वाले लाभ का जिक्र करते हुए गोयल ने कहा कि दोनों पक्ष भारत में एक ऐसी व्यवस्था पर विचार कर रहे हैं, जिससे बुनियादी ढांचा और लॉजिस्टिक श्रृंखला में निवेश को तेजी से गति मिले. उन्होंने यह भी कहा कि समझौते में सुरक्षा के भी उपाय किये गये हैं. इसमें स्थायी तौर पर सुरक्षा के उपाय किये गये हैं.
मंत्री ने कहा कि यूएई की सरकारी एजेंसी उत्पादों की उत्पत्ति को प्रमाणित करेगी इसलिए लोग सामान किसी तीसरे देश से नहीं ले सकते. संयुक्त अरब अमीरात के विदेश व्यापार राज्य मंत्री थानी बिन अहमद अल जेयोदी ने कहा कि यह समझौता 2030 तक मुक्त व्यापार क्षेत्र संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 1.7 फीसदी या 8.9 डॉलर का इजाफा करेगा और निर्यात में 1.5 फीसदी की वृद्धि करेगा.
समझौते में वस्तुओं, सेवाएं, उत्पत्ति के नियमों, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं, सरकारी खरीद, बौद्धिक संपदा अधिकार और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है. इस प्रकार के समझौतों में दोनों भागीदार देश व्यापार वाले ज्यादातर वस्तुओं पर सीमा शुल्क में उल्लेखनीय कमी करते हैं या उसे समाप्त कर देते हैं. इसके अलावा, वे सेवा क्षेत्र में व्यापार बढ़ाने और निवेश को गति देने वाले नियमों को उदार बनाते हैं. दोनों देशों के बीच 2020-21 में द्विपक्षीय व्यापार 43.3 अरब डॉलर था, यूएई को अफ्रीका और दुनिया के अन्य भागों के लिये प्रवेश द्वार माना जाता है.
भारत के प्रधान मंत्री - डॉ. मनमोहन सिंह
प्रधान मंत्री की समितियां एवं परिषदें[वापस जाएं]
व्यापार एवं आर्थिक संबंध समिति
3 मई 2005 को गठित, व्यापार एवं आर्थिक संबंध समिति अन्य देशों के साथ हमारे आर्थिक संबंधों के विस्तार, कार्य क्षेत्र एवं संचालन मामलों को एक समन्वित एवं समकालिक ढंग से विकसित करने के लिए एक संस्थागत तंत्र है। इस समिति को प्रधानमंत्री कार्यालय द्धारा सेवाएं प्रदान की जाएंगी जो आवश्यकता पड़ने पर सरकार के किसी भी मंत्रालय/ विभाग/सरकारी एजेंसी से सहयोग ले सकता है।
संघटन
व्यापार एवं आर्थिक संबंध समिति का संघटन इस प्रकार है:-
(क) माननीय प्रधानमंत्री - अध्यक्ष
(ग) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री
(ड.) उपाध्यक्ष, योजना आयोग
(च) अध्यक्ष, आर्थिक सलाहकार परिषद
(छ) मुक्त व्यापार क्षेत्र अध्यक्ष राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धा परिषद
(ज) राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
(झ) प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव – संयोजक
आर्थिक मामले, राजस्व, वाणिज्यिक, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभागों के सचिवों के साथ – साथ सचिव योजना आयोग एवं विदेश सचिव इस समिति की बैठकों में सदैव आमंत्रित किए जाते हैं।
अध्यक्ष संदर्भानुसार समिति की किसी भी बैठक में अन्य किसी मंत्री / अधिकारी को आमंत्रित कर सकते हैं।
चार्टर:-
समिति निम्नलिखित कार्य करेगी
(क) संयुक्त अध्ययन समूहों, कार्यबलों, वार्ताटीम इत्यादि जैसी विभिन्न व्यवस्थाओं के माध्यम से आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए तंत्र संबंधी सुझाव देना।
(ख) अभिनिर्धारित देशों के साथ आर्थिक व्यवस्थाओं के विस्तार और क्षेत्र संबंधी सुझाव देना।
(ग) आयोग इस बात का अध्ययन करता है कि उपयुक्त निर्णयों पर पहुंचने के लिए कौन से मूल्यवान इनपुट होंगे।
(घ) भारत एवं अभिनिर्धारित देशों के बीच आर्थिक समन्वय के लिए प्रस्तावों की जांच।
समिति ने आज तक उन्नीस बैठकों का आयोजन किया है जिनमें निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा हुई:-
1. क्षेत्रीय व्यापार व्यवस्थाओं में भारत की संलिप्तता।
2. भारत द्वारा देश विदेश दोनों में निवेश।
3. लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्रों पर विशेष जोर देते हुए अमेरिका के साथ आर्थिक संबंध।
4. यूरोपीय संघ के साथ आर्थिक संबंध।
5. भारत और खाड़ी सहयोग परिषद के बीच मुक्त व्यापार समझौते।
6. भारत की बांग्लादेश और पाकिस्तान के साथ आर्थिक वचनबंधता, विशेषत: कपड़ा व्यापार के संबंध में।
7. भारत की कोरिया के साथ आर्थिक संलिप्तता
8. विश्व व्यापार संगठन में बातचीत की स्थिति।
9. दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र में प्रगति
10. विम्सटैक के साथ आर्थिक संलिप्तता।
11 साकू (एस .ए सी यू.) के साथ प्रस्तावित फ्रेमवर्क समझौते।
12 मॉरिशस के साथ पी. टी. ए. की प्रगति एवं प्रस्तावित व्यापक आर्थिक सहयोग एवं भागीदारी समझौता
13. भारत– इजराइल के संयुक्त अध्ययन दल की सिफारिशें।
14. भारत अशियान मुक्त व्यावार समझौते पर प्रगति।
15. भारत और रुस के बीच प्रस्तावित जे.एम.जी.।
16 भारत, ब्राजील एवं दक्षिण अफ्रीका के बीच व्यापार सहयोग के प्रस्तावित क्षेत्र
17 भारत एवं इंडोनेशिया के बीच सी.ई.सी.ए.
18 एल.डी.सी. के लिए एकतरफा प्रशुल्क प्राथमिकता योजना।
19 राष्ट्रीय अंतरर्राष्ट्रीय व्यापार नीति केंद्र की स्थापना
20 भारत चिली पी.टी.ए. पर प्रगति
21 भारत मार्कोसुर पी.टी.ए पर प्रगति
22 साकू (एस.ए.सी.यू.) भारत एवं मर्कोसुर के बीच एक व्यापक विदेश व्यापार करार की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए एक संयुक्त कार्यदल का गठन।
23 भारत जापान संयुक्त अध्ययन समूह से संबंधित मामले।
24 आसियान के साथ ओपन स्काई करार
25 भारत और ऑस्ट्रेलिया के मुक्त व्यापार क्षेत्र बीच व्यापार एवं आर्थिक फ्रेमवर्क
26 भारत यूरोपीय संघ उच्च स्तरीय व्यापार समूह से संबंधित मामले।
27 भारत अमेरिका के बीच आर्थिक वार्ता मे प्रगति।
28 कोरिया गणराज्य के साथ व्यापक आर्थिक भागीदारी करार
29 जापान के साथ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सी.ई.पी.ए)
30 भारत थाईलैंड के बीच मुक्त व्यापार करार।
31. भारत आसियान मुक्त व्यापार करार के तहत बातचीत
32. चीन के साथ क्षेत्रीय व्यापार करार के लिए संयुक्त कार्यबल को अंतिम रुप देना।
33 भारत यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के बीच एक जे.एस.जी. का गठन
34. भारत रुस संयुक्त अध्ययन समूह रिपोर्ट पर आधारित संयुक्त कार्यबल की स्थापना।
35 भारत मलेशिया संयुक्त अध्ययन समूह रिपोर्ट स्वीकार करना।
36 जी.सी.सी भारत एफ.टी.ए. मुक्त व्यापार समझौता वार्ता (एफ टी ए) एवं विशेष रुप से सउदी अरब के साथ आर्थिक संबंधों की प्रगति।
37 भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार ‘ करार’ संबंधी बातचीत की शुरुआत
38 सामान व्यापार सेवाओं एवं निवेश पर करार के लिए इस्राइल के साथ मुक्त व्यापार संबंधी बातचीत की शुरुआत
39 भारत और मलेशिया के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता बातचीत की शुरुआत
40 भारत आस्ट्रेलिया के बीच एफ टी ए की व्यवहार्यता की जांच के लिए एक संयुक्त अध्ययन दल की स्थापना।
41 भारत और तुर्की के बीच मुक्त व्यापार करार की संभावना का पता लगाने के लिए एक संयुक्त अध्ययन दल की स्थापना।
42 भारत और कनाड़ा के बीच मुक्त व्यापार करार की संभावना का पता लगाने के लिए एक संयुक्त अध्ययन दल की स्थापना।
43 भारत और मिस्र के बीच मुक्त व्यापार करार की संभावना का पता लगाने के लिए एक संयुक्त अध्ययन दल की स्थापना।
44 विपर्यस्त सीमाशुल्क संरचना पर समिति की नीतिगत सिफारिशें स्वीकार करना।
45 यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के साथ द्धिपक्षीय विदेश आधारित व्यापार एवं निवेश करार
46 दक्षिणी एशिया में पड़ोसी देशों (अफगानिस्तान समेत) तथा हिंद महासागर क्षेत्र में स्थित देशों के साथ आर्थिक संबंध।
47. भारत और कनाडा के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी करार (सी.ई.पी.ए) के लिए बातचीत की शुरुआत
48 भारत जापान के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी करार सी.ई.पी. ए) संबधी बातचीत की स्थिति।
49 भारत यूरोपीय संघ (ई.यू) द्धिपक्षीय व्यापार एवं निवेश करार (वी.टी.आई.ए.) की स्थिति
50 भारत –मलेशिया व्यापक आर्थिक सहयोग करार की स्थिति।
52 भारत और इंडोनेशिया के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता वार्ता की शुरूआत।
53 भारत और आस्ट्रेलिया के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता वार्ता की शुरूआत।
54 भारत और पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका के लिए साझा बाजार (COMESA) के बीच मुक्त व्यापार समझौते/अधिमान्य व्यापार समझौते की व्यवहार्यता का जांच करने के लिए संयुक्त अध्ययन समूह का गठन करना।
मुंबई में मुक्त व्यापार क्षेत्र परियोजना का निर्माण-कार्य शुरू किया डीपी वर्ल्ड ने
यह एक संयुक्त परियोजना हिंदुस्तान इन्फ्रालाग का हिस्सा है। इसमें डीपी वर्ल्ड 65 प्रतिशत और राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष (एनआईआईएफ) की 35 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी का कहना है कि इसके बन जाने से इलेक्ट्रानिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी , दूरसंचार , औषधि, रसायन, पेट्रोरसायन और कृषि कारोबार को बढावा मिलेगा।
यह संयुक्त उद्यम देश में विभिन्न जगहों पर बंदरगाह, लॉजिस्टिक्स सुविधाओं और इससे जुड़े क्षेत्रों में तीन अरब डालर का निवेश करेगा।
भारत और खाड़ी सहयोग परिषद के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत 24 नवंबर से होगी शुरू
नयी दिल्ली: भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) दोनों क्षेत्रों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने की खातिर मुक्त व्यापार समझौते पर 24 नवंबर को वार्ता की शुरुआत कर सकते हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। जीसीसी खाड़ी क्षेत्र के छह देशों सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, ओमान और बहरीन का संघ है। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘जीसीसी के अधिकारी वार्ता शुरू करने के लिए यहां आएंगे, इसकी शुरुआत 24 नवंबर से होगी।’’ भारत संयुक्त अरब अमीरात के साथ इस वर्ष मई में मुक्त व्यापार समझौता कर चुका है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 16 नवंबर को कहा था कि भारत अब नया मुक्त व्यापार समझौता शुरू करेगा।
यह एफटीए वार्ता की एक प्रकार से बहाली होगी क्योंकि भारत और जीसीसी के बीच दो दौर की वार्ता 2006 और 2008 में हो चुकी है। भारत सऊदी अरब और कतर जैसे मुक्त व्यापार क्षेत्र खाड़ी देशों से मुख्य रूप से कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस का आयात करता है। वहीं मोती, बहुमूल्य रत्न, धातु, लोहा और इस्पात, रसायन आदि का भारत इन देशों को निर्यात करता है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार जीसीसी को भारत से किया जाने वाला निर्यात 2021-22 में 58.26 फीसदी बढक़र करीब 44 अरब डॉलर हो गया। 2020-21 में यह 27.8 अरब डॉलर ही था। भारत के कुल निर्यात में इन छह देशों की हिस्सेदारी 2021-22 में बढक़र 10.4 फीसदी हो गई जो 2020-21 में 9.51 फीसदी थी। इसी प्रकार आयात भी 85.8 फीसदी बढक़र 110.73 अरब डॉलर हो गया जो 2020-21 में 59.6 अरब डॉलर था।
भारतीय-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार वार्ता : समझौता अभी दूर है
भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार व्यवस्था के लिए लम्बे समय से चल रही बातचीत में अभी कोई पक्की सहमति नहीं बन सकी है। दोनों पक्षों में खास कर वाहनों पर शुल्क में कटौती जैसे कई मुददों पर खींचतान जारी है। एफटीए वार्ता 2007 में शुरू हुई थी।
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वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री डी पुरंदेश्वरी ने राज्यसभा में बुधवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया, अंतिम स्थिति अभी उभरनी बाकी है क्योंकि कारों पर शुल्क सहित विभिन्न क्षेत्रों को लेकर अभी विचार विमर्श जारी है। यूरोपीय संघ के कुछ सदस्य देश प्रस्तावित व्यापक आधार वाले व्यापार और निवेश समझौते (बीटीआईए) में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में शुल्क में बड़ी कटौती के लिए जोर दे रहे हैं।
पुरंदेश्वरी ने बताया कि भारत सेवा व्यापार में अच्छी शर्तों पर समझौता चाहता है। इसमें सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित सेवाओं में पेशवरों की एक दूसरे के यहां आवाजाही की सुगम व्यवस्था तथा भारत को शोध संबंधी आंकड़ों के लिए सुरक्षति देश का दर्जा दिए जाने की मांग शामिल है।
उन्होंने कहा कि माल एवं सेवाओं में व्यापार, निवेश, स्वच्छता मानक (जो खाद्य सुरक्षा तथा पशु एवं पादप स्वास्थ्य के बुनियादी नियमों से संबंधित है), व्यापार में तकनीकी बाधायें, व्यापार में निदानात्मक उपाय, सरकारी खरीद, सीमाशुल्क व्यवस्था में सहयोग और व्यापार सुविधा, विवाद निपटान, प्रतिस्पर्धा और बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श की प्रक्रिया चल रही है।