आरंभिक निवेश

बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल लि. की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश 03 नवंबर को खुलेगा
मूल्य बैंड 285 रूपये से 300 रूपये प्रति इक्विटी शेयर पर निर्धारित किया गया है
उदयपुर। बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल लि. भारत की तीसरी सबसे बड़ी एथनिक स्नैक्स कंपनी है, आरंभिक निवेश जिसकी उपस्थिति अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर है। यह भारतीय स्नैक्स और मिठाइयां बेचती है, और भारतीय संगठित स्नैक्स बाजार में दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती कंपनी है। इसने अपने पहले सार्वजनिक पेशकश के लिए मूल्य बैंड 285 रू. से 300 रू. प्रति इक्विटी शेयर तय किया है। कंपनी का आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (‘आईपीओ’ या ‘ऑफर’) निवेश के लिए गुरुवार, 03 नवंबर, को खुलेगा और सोमवार, 07 नवंबर को बंद होगा। निवेशक न्यूनतम 50 इक्विटी शेयरों के लिए और उसके बाद 50 इक्विटी शेयरों के गुणकों में बोली लगा सकते हैं। एक रुपये प्रति इक्विटी शेयर के अंकित मूल्य वाला निर्गम पूरी तरह से मौजूदा शेयरधारकों और प्रमोटर समूह की संस्थाओं द्वारा 29,373,984 तक की बिक्री का प्रस्ताव (ओएफएस) है।
बिक्री की पेशकश में शिव रतन अग्रवाल के 2,500,000 इक्विटी शेयर्स, दीपक अग्रवाल के 2,500,000 इक्विटी शेयर्स (‘द प्रमोटर सेलिंग शेयरहोल्डर्स’), इंडिया 2020 महाराजा लि. के 12,110,967 इक्विटी शेयर्स, इंटेंसिव सॉफ्टशेयर प्रा. लि. के 50,000 इक्विटी शेयर्स, आईआईएफएल स्पेशल अपॉर्चुनिटीज फंड के 3,110,056 इक्विटी शेयर्स, आईआईएफएल स्पेशल ऑपच्र्युनिटीज फंड-सीरीज 2 के 1,995,552 इक्विटी शेयर्स, आईआईएफएल स्पेशल ऑपच्र्युनिटीज आरंभिक निवेश फंड-सीरीज 3 के 976,179 इक्विटी शेयर्स, आईआईएफएल स्पेशल अपॉर्चुनिटीज फंड-सीरीज 4 के 2,753,339 इक्विटी शेयर्स और आईआईएफएल स्पेशल ऑपच्र्युनिटीज फंड-सीरीज 5 (‘आईआईएफएल फंड्स’) के 2,162,226 इक्विटी शेयर्स, एवेंडस फ्यूचर लीडर्स फंड के 1,215,665 इक्विटी शेयर्स (‘बेचने वाले शेयरधारक निवेशक’) शामिल हैं।
शिव रतन अग्रवाल ने 1993 में बीकाजी ब्रांड का शुभारंभ किया था और राजस्थान, असम और बिहार के एथनिक स्नैक्स मार्केट में इसने मार्केटलीडरशिप और पहुँच स्थापित किया है। 30 जून, 2022 तक 23 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों में संचालन के साथ बीकाजी ने धीरे-धीरे पूरे भारत में अपने पदचिह्न का विस्तार किया है और उत्तरी अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका और एशिया प्रशांत सहित 21 देशों में अपने उत्पादोंका निर्यात भी कर रहा है, जो इसके खाद्य उत्पाद बिक्री का 3.20 प्रतिशत हिस्सा है। जैसा कि इसके आरएचपी में वर्णत एफ एंड एस रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, बीकाजी आज 29,380 टन के वार्षिक उत्पादन के साथ बीकानेरी भुजिया का सबसे बड़ा उत्पादक है, और वित्त वर्ष आरंभिक निवेश 2022 में 9,000 टन की वार्षिक उत्पादन क्षमता के साथ हस्तनिर्मित पापड़ का दूसरा सबसे बड़ा नर्माता है। यह रसगुल्ला, गुलाब जामुन, और सोन पापड़ी सहित पैकेज्ड मिठाइयों का भारत के प्रमुख उत्पादकों में से एक है और भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उभरती उपभोक्ता प्राथमिकताओं को संबोधित करने के लिए क्षेत्रीय स्वाद को बनाए रखने के साथ शास्त्रीय भारतीय स्नैक्स केसमकालीन स्वाद को विकसित और पुन: निर्मित करने में अग्रणी माना जाता है।
संचालन से बीकाजी का राजस्व वित्त वर्ष 2022 में 22.90 प्रतिशत बढक़र 1610.96 करोड़ रू. हो गया, जो कि वित्त वर्ष 2021 में 1310.75 करोड़ रू. था। यह मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों की बिक्री और मात्रा में वृद्धि और उत्पादों की आरंभिक निवेश प्राप्ति, विशेष रूप से, भुजिया, नमकीन, पापड़, वेस्टर्न स्नैक्स औरपैकेज्ड मिठाई के कारण था, जबकि वित्त वर्ष 22 में इसका शुद्ध लाभ 76.03 करोड़ रू. रहा। 30 जून, 2022 को समाप्त तीन महीनों के लिए,परिचालन से राजस्व रू 419.16 करोड़ और शुद्ध लाभ 15.70 करोड़ रू. रहा। जेएम फाइनेंशियल लि., एक्सिस कैपिटल लि., आईआईएफएल सिक्योरिटीज लि., इंटेंसिव फिस्कल सर्विसेज प्रा. लि. और कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लि. इस निर्गम के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं।
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निवेशकों को आईपीओ में निवेश करने में मदद करेगी पेटीएम मनी
निवेशकों को आईपीओ में निवेश करने में मदद करेगी पेटीएम मनी
नयी दिल्ली, 30 नवंबर वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी पेटीएम की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी पेटीएम मनी अब निवेशकों को आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों (आईपीओ) में निवेश करने में मदद करेगी।
पेटीएम ने सोमवार को बयान मे कहा कि इस कदम का मकसद खुदरा निवेशकों को संपत्ति के सृजन के अवसरों में मदद करना है। इसके जरिये निवेशक आईपीओ के लिए आवेदन कर सकेंगे और तेजी से विस्तार करती कंपनियों की वृद्धि की कहानी का हिस्सा बन सकेंगे।
बयान में कहा गया है कि कंपनी ने खुदरा निवेशकों के लिए आईपीओ आवेदन की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और सुगम बना दिया है। आवेदकों के अनुभव को आरंभिक निवेश बेहतर करने के लिए वह इसमें लगातार और खूबियां जोड़ेगी।
कंपनी ने कहा कि पहले साल में उसका आईपीओ आवेदन के बाजार में 8 से 10 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य है।
पेटीएम मनी निवेशकों को सभी नए आईपीओ के लिए उनके बैंक खातों से जुड़े यूपीआई आईडी के जरिये तत्काल आवेदन की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इससे आवेदन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जा सकेगा। कंपनी अपने मंच पर एक ‘इंटरफेस’ भी उपलब्ध कराएगी, जिसके जरिये आईपीओ आवेदन में बदलाव किया जा सकेगा, उसे रद्द किया जा सकेगा या नए सिरे से आवेदन किया जा सकेगा।
पेटीएम मनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) वरुण श्रीधर ने कहा, ‘‘भारतीय स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र लगातार पूंजी बाजार में उतर रहा है। अब ज्यादा से ज्यादा कंपनियों सार्वजनिक सूचीबद्धता के जरिये निवेशकों से पैसा जुटाना चाहती हैं। इसके साथ ही आरंभिक निवेश निवेशक भी अब अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा कि इस वजह से कंपनी के समक्ष एक बड़ा अवसर है और वह नागरिकों तक इस प्रक्रिया की पहुंच को सुगम करना चाहेगी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
शोभाकारी मछलीपालन के माध्याम से ग्रामीण आजीविका में वृद्धि
सौंदर्य संबंधी आनंद और भाग्यशाली होने के विश्वास, तनाव को कम करने तथा अन्य कारणों से राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में शोभाकारी मछलियों की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इस क्षेत्र में शोभाकारी मछलियों के पालन में लगे लोगों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। चाहे यह शौक के लिए हो या सौंदर्य प्रेम के लिए हो या वित्तीय लाभ के लिए, अनेक लोग शोभाकारी मछली पालन को वाणिज्यिक स्तर पर अपना रहे हैं। इसके लिए अपेक्षाकृत सरल तकनीक उपलब्ध होने के नाते इस विधा में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आरंभिक निवेश प्रभावी रोजगार के अवसर सृजित करने की बहुत क्षमता है। इसके साथ ही कम समय में न्यूनतम जोखिम से इस प्रक्रम द्वारा अतिरिक्त आय ली जा सकती है।
शोभाकारी मछली पालन खेतिहर महिलाओं के लिए एक नई तकनीक है जिसमें समय और निवेश कम लगता है लेकिन लाभ अधिक होता है और इसके साथ ही जल की उत्पादकता में भी वृद्धि होती है। कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में राष्ट्रीय कृषि नमोन्मेष परियोजना (एनएआईपी) के लागू होने से पूर्व किसान शोभाकारी मछली पालन से अवगत नहीं थे। आईजीए के एक अंग के रूप में परियोजना की आरंभिक निवेश संबंधी सहायता से शोभाकारी मछली पालन आरंभिक निवेश का कार्य सीमेंट के पक्के टैंक/सिस्टर्न बनाकर शुरू किया गया और इनमें शोभाकारी मछलियों (मॉली, गप्पी और सॉर्ड टेल) की उपयुक्त प्रजातियों का पालन शुरू किया गया। खेतिहर महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया तथा उन्हें बेंगलुरू के आस-पास स्थित मात्स्यिकी इकाइयों का भ्रमण भी कराया गया। उन्हें इनका सुनिश्चित बाजार भी दिखाया गया। ऑरनामेंटल फिश ग्रोवर एसोसिएशन के गठन से उनके अग्रगामी तथा पश्चगामी सम्पर्क स्थापित हुए जिससे आरंभिक निवेश एनएआईपी की सहायता से शुरू हुई 70 ऐसी इकाइयों को शोभाकारी मछलियों के अच्छे मूल्य सुनिश्चित हुए।
कर्नाटक फिशरीज़ डवलपमेंट या एक्वेरियम कॉरपोरेशन की दुकानों पर ये शोभाकारी मछलियां 8 रु. प्रति मछली की औसत दर से सीधी बेची गई। मेलों में खेतिहर महिलाएं/स्वयं सहायता समूह ग्राहकों को 6 या 8 इंच के प्यालों में आहार के एक पैकेट (25 ग्रा. के) और शोभाकारी जलीय पौधे की एक टहनी के साथ 150 रु. की दर पर बेचती हैं। 500 लीटर के सीमेंट के 2 टैंक में से प्रत्येक से प्रति वर्ष 24,634 रु. का सकल लाभ हुआ तथा इस पर लगी कुल लागत 14,398 रु. थी। इसमें दो श्रमिकों, फिंगरलिंग, आहार, जल आदि पर हुआ व्यय भी शामिल है। अल्प समय, कम श्रम और न्यूनतम जोखिम के साथ निवेश के द्वारा खेतिहर महिलाओं को इस उद्यम से प्रतिवर्ष 10,235 रु. का लाभ हुआ।
(स्रोत: कृषि महाविद्यालय कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय बेंगलुरू-560 065)